भारत सहित एशिया के विभिन्न देशों से आकर अमेरिका में बसे लोग अब अमेरिकी राजनीति में उम्मीदवारों की ‘हार-जीत’ तय करने की स्थिति में हैं और अब वे सिर्फ ‘जीत का अंतर’ तय नहीं करते हैं। भारतीय-अमेरिकी उद्यमी, समुदाय के नेता और राजनीतिक कार्यकर्ता शेखर नरसिम्हन का कहना है कि एशियाई-अमेरिकी समुदाय के बारे में सामान्य तौर पर यह माना जाता है कि हम जीत का अंतर तय करते हैं, इसका मतलब यह है कि चुनाव के दौरान कांटे की टक्कर में हम 10 अंक इधर या उधर करके चुनाव परिणाम पर असर डाल सकते हैं। अटलांटा में डेमोक्रेटिक पार्टी के सीनेटर रफायल वारनाक की हाल में हुई जीत का उदाहरण देते हुए नरसिम्हन कहते हैं कि हम जीत की वजह हैं।
एएपीआइ के पात्र मतदाताओं को लामबंद करने के लिए समिति भी बनी है
सीनेट के लिए वारनाक को 99,000 वोटों की मदद से जीत मिली। उन्हें 34,000 वोट एएपीआइ (एशियाई अमेरिकी प्रशांत द्वीप क्षेत्र के निवासी) समुदाय से मिले थे। ये वो वोट हैं जो मध्यावधि चुनाव के दौरान नहीं पड़े थे। एएपीआइ के पात्र मतदाताओं को लामबंद करने और डेमोक्रेटिक पार्टी के एएपीआइ उम्मीदवारों का समर्थन करने का काम करने वाली एक ‘राजनीतिक कार्य समिति’ एएपीआइ विक्टरी फंड के प्रमुख नरसिम्हन ने बताया कि अटलांटा में मतदान के लिए पात्र आबादी में से महज चार फीसद लोग एएपीआइ समुदाय से हैं।
चुनाव परिणाम को पूरी तरह से बदल सकते हैं चुनाव में 68,000 वोट
नरसिम्हन ने कहा, ‘हम लोगों (एएपीआइ विक्टरी फंड) का ये वोट डलवाने में बड़ा हाथ है। चुनाव में 68,000 वोट चुनाव परिणाम को पूरी तरह से बदल सकते हैं। यह सिर्फ अश्वेत (काले लोगों) वोट या अटलांटा के उपनगरीय क्षेत्र से मिले वोट का कमाल नहीं था। यह एशियाई-अमेरिकी वोट का नतीजा है। वह भी इसे मानते हैं। मुझे नहीं लगता कि हमारे साथ के बगैर वह जीत सकते थे।’
नरसिम्हन के मुताबिक, अगर 2024 का आम चुनाव राष्ट्रपति जो बाइडेन और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच होता है तो एशियाई-अमेरिकी समुदाय को लामबंद करना आसान होगा। अगर बाइडेन के समक्ष कोई नया प्रतिद्वंद्वी खड़ा होता है तो यह मुश्किल होगा। तब और भी मुश्किल होगा जब मुकाबला भारतीय-अमेरिकी निक्की हेली जैसे किसी उम्मीदवार के साथ हो। निक्की हेली ने 2024 के चुनाव के लिए रिपब्लिकन पार्टी से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी की दौड़ में शामिल होने की घोषणा कर दी है।
अगर हेली रिपब्लिकन पार्टी से उम्मीदवार बनती हैं तो एएपीआइ विक्टरी फंड उनकी नीतियों पर गौर करेगा, नरसिम्हन ने कहा कि इसकी संभावना ज्यादा है कि 2024 के चुनाव में वे बाइडेन का साथ देंगे और समर्थन करेंगे। उन्होंने कहा कि हेली बहुत ही रूढ़िवादी और पुरातनपंथी रिपब्लिकन हैं। नरसिम्हन लंबे समय से डेमोक्रेटिक पार्टी के समर्थक हैं और उनके लिए धन जुटाने का काम करते हैं।
उन्होंने कहा, ‘परिस्थितियों के आधार पर काम किया जाएगा। शुरुआत में हम बाइडेन का साथ देंगे, और अगर कोई एएपीआइ उम्मीदवार दौड़ में शमिल होता है तो हम उसे तौलेंगे और इसकी भी संभावना है कि हम साथ खड़े होने की जगह एक-दूसरे के विरोध में खड़े मिलें।
उन्होंने कहा, ‘मुझे खुशी है कि निक्की, जिंदल और रामास्वामी जैसे नाम वाले लोग चुनाव लड़ रहे हैं। यह मुख्यधारा में आ रहा है। यह बता रहा है कि सुधार हो रहा है। हम मुख्यधारा में आ रहे हैं। यह मौलिक रूप से अच्छी बात है।’