सुन्नी आतंकी संगठन अलकायदा अब सीरिया में अपनी पकड़ मजबूत करके आईएस को चुनौती देने की तैयारी कर रहा है। गौरतलब है कि एक दशक पहले सीआईए ने अपने ड्रोन हमलों से अलकायदा की कमर तोड़ दी थी।
सीरिया में अपने पैर जमाने के लिए अल-कायदा अपने सहयोगी संगठन अल-नुसरा की मदद के रहा है। खबर है कि इसके लिए अल-कायदा की तरफ से इस काम के लिए अपने दर्जनभर दिग्गज लोगों को लोगों की नजरों से छिपाकर सीरिया भेज भी दिया है।
अल-नुसरा के पास सीरिया में लगभग 10 हजार लड़ाके हैं जो आईएस के लगभग 25 हजार लड़ाकों की संख्या में काफी कम हैं। अल-नुसरा सीरिया में आईएस के जन्म से पहले से है। आईएस के सीरिया पर कब्जे के बाद भी अल-नुसरा ने उसका दामन नहीं थामा और पाकिस्तान में बैठे अल-जवहारी के साथ बने रहे।
जानकारों के मुताबिक, आईएस और अल-कायदा दोनों का ही मकसद इस्लाम के नाम पर राज्य बनाना है, पर दोनों के रास्तों में फर्क है। ये जानकार लोग मानते हैं कि आईएस, अलकायदा के मुकाबले ज्यादा घातक और तबाही मचाने वाला है।
इसके साथ ही यह भी माना जा रहा है पाकिस्तान में अपनी जमीन खो चुकी अलकायदा सीरिया को अपना नया अड्डा बनाना चाहता है। अगर ऐसा हो जाता है तो यह ज्यादा घतरनाक होगा क्योंकि इससे यूरोप पर हमला करना अलकायदा के लिए आसान हो जाएगा और वह टर्की, इराक, जॉर्डन और लेबनान के लोगों को आसानी से अपने संगठन में शामिल कर सकेगा।