करतारपुर साहिब के बाद पाकिस्तान का एक और कूटनीतिक दांव आने वाला है। दरअसल पाकिस्तानी से खबर आ रही है कि विदेश मंत्रालय की तरफ से जानकारी दी गई है कि इस साल होने वाले सार्क सम्मेलन में पीएम मोदी को न्योता भेजा जाएगा। 20वें सार्क सम्मेलन का आयोजन इस बार पाकिस्तान में हो रहा है। आपको बता दें कि इससे पहले हुए 19वें सार्क सम्मेलन का आयोजन पाकिस्तान में किया जाना था लेकिन इसके लिए भारत, बांग्लादेश, अफगानिस्तान और भूटान ने इसमें हिस्सा लेने से मना कर दिया था। इस वजह से इस सम्मेलन को ही रद्द कर दिया गया था। अब पाकिस्तान में सत्ता परिवर्तन हो चुका है और इमरान खान के नेतृत्व में नई सरकार इस बार सभी सदस्य देशों को मनाने की कोशिश कर रही है।
बता दें कि उस समय भारत ने सार्क बैठक का विरोध वैश्विक स्तर पर पाकिस्तान को अलग-थलग करने के उद्देश्य से लिया था, क्योंकि उसी समय जम्मू कश्मीर के उरी में सेना के कैंप पर चार आतंकियों ने हमला कर दिया था। इसमें 18 भारतीय जवान शहीद हो गए थे। आखिरी सार्क शिखर सम्मेलन 2014 में काठमांडू में आयोजित हुआ था। सार्क के फिलहाल आठ देश सदस्य हैं-अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, भारत, नेपाल, मालदीव, पाकिस्तान और श्रीलंका।
गौरतलब है कि कांग्रेस नेता और पंजाब सरकार में मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू एक बार फिर पाकिस्तान पहुंच गए हैं। मंगलवार 27 नवंबर दोपहर उन्होंने पाकिस्तान जाने के लिए अटारी-वाघा बॉर्डर पार किया। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने उन्हें 28 नवंबर को करतारपुर कॉरिडोर शिलान्यास समारोह में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया था। पाकिस्तान ने इस कार्यक्रम के लिए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू को आमंत्रित किया था, लेकिन सुषमा और अमरिंदर ने जाने से इनकार कर दिया था। सिद्धू ने इस निमंत्रण को खुशी-खुशी स्वीकार किया। इस समारोह में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान भी मौजूद होंगे। सिद्धू पाकिस्तान के करतारपुर स्थित गुरूद्वारा दरबार साहिब और पंजाब के गुरदासपुर स्थित डेरा बाबा नानक साहिब के बीच एक गलियारे के हिमायती रहे हैं।