रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंस ने साल 2019 के अर्थशास्त्र के नोबेल पुरस्कार के लिए अभिजीत बनर्जी, एस्थर डुफ्लो और माइकल क्रेमर को संयुक्त रुप से विजेता घोषित किया है। तीनों को यह पुरस्कार वैश्विकी गरीबी को कम करने के लिए किए गए उपायों के लिए दिया गया है। गौरतलब है कि अभिजीत बनर्जी और एस्थऱ डुफ्लो पति-पत्नी हैं और एस्थर डुफ्लो नोबेल पुरस्कार जीतने वाली सबसे युवा (46 वर्षीय) पर्सन भी बन गई हैं। अर्थशास्त्र के नोबेल पुरस्कार की घोषणा करते हुए रॉयल स्वीडिश एकेडमी ने अपने बयान में कहा कि तीनों अर्थशास्त्रियों ने अपने प्रयोगों से डेवलेपमेंट इकोनोमिक्स को पूरी तरह से बदल दिया है और अब यह रिसर्च का एक क्षेत्र बन गया है। अभिजीत बनर्जी जहां भारतीय मूल के हैं, वहीं एस्थर डुफ्लो फ्रेंच-अमेरिकन और माइकल क्रेमर अमेरिकी मूल के हैं।
58 वर्षीय अभिजीत बनर्जी का जन्म भारत में हुआ है और उन्होंने अपनी पीएचडी की पढ़ाई हावर्ड यूनिवर्सिटी से की है। फिलहाल अभिजीत बनर्जी अमेरिका के मेसाच्युसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर हैं। एस्थर डुफ्लो भी मेसाच्युसेट्स इंस्टीट्यूट में ही प्रोफेसर हैं। गौरतलब है कि अभिजीत बनर्जी का अपनी पहली पत्नी से तलाक हो चुका है और उसके बाद उन्होंने एस्थर डुफ्लो से शादी की है। वहीं माइकल क्रेमर हावर्ड यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर के पद पर तैनात हैं। नोबेल पुरस्कार की 9 मिलियन डॉलर की राशि तीनों अर्थशास्त्रियों के बीच बराबर-बराबर बांटी जाएगी।
कौन है अभिजीत बनर्जीः अभिजीत बनर्जी का जन्म भारत के कोलकाता में 21 फरवरी, 1961 को हुआ था। फिलहाल बनर्जी अमेरिकी नागरिक हैं। अभिजीत बनर्जी की मां निर्मला बनर्जी कलकत्ता के सेंटर फॉर स्टडीज इन सोशल साइंसेज में अर्थशास्त्र की प्रोफेसर रह चुकी हैं। वहीं अभिजीत बनर्जी के पिता प्रेसीडेंसी कॉलेज, कलकत्ता में अर्थशास्त्र विभाग के हेड रह चुके हैं। बनर्जी ने भी कलकत्ता के प्रेसीडेंसी कॉलेज से अर्थशास्त्र की पढ़ाई की है। बनर्जी ने जवाहर लाल नेहरु यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में एमए की पढ़ाई पूरी की है। इसके बाद बनर्जी आगे की पढ़ाई के लिए अमेरिका चले गए थे। अभिजीत बनर्जी अब्दुल लतीफ जमील पॉवर्टी एक्शन लैब के सह-संस्थापक हैं। इसके अलावा बनर्जी कंसोर्टियम ऑन फाइनेंशियल सिस्टमस एंड पॉवर्टी के भी सदस्य हैं।