सूर्य ग्रहण की घटना को वैज्ञानिक और ज्योतिषीय दृष्टिकोण से बहुत अहम माना जाता है। आपको बता दें कि इस साल का 4 ग्रहण पड़ने वाले हैं। जिसमें से 2 सूर्य और 2 चंद्र ग्रहण होंगे। वहीं पहला सूर्य ग्रहण 30 अप्रैल को लगने जा रहा है। जो भारत में मान्य नहीं होगा और न ही इसके सूतक मान्य होंगे।
यह ग्रहण शनिवार को मेष राशि में लगने जा रहा है। साथ ही इस दिन शनिश्चरी अमावस्या का भी योग बन रहा है। ज्योतिष के दृष्टिकोण से सूर्य ग्रहण और शनि अमावस्या का एक दिन पड़ना बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। क्योकि यह संयोग लगभग 100 साल बाद बना है। शनिदेव ग्रहों के राजा सूर्य के पुत्र हैं लेकिन दोनों के बीच शत्रुता का भाव है। इसलिए इस ग्रहण के समय कुछ सावधानियों की जरूरत पड़ेगी। आइए जानते हैं ज्योतिष के अनुसार सूर्य ग्रहण के दिन किन कामों से बचना चाहिए और कौन से कार्य करने चाहिए।
ग्रहण के समय करें ये काम:
ग्रहण के समय व्यक्ति को भगवान की संकीर्तन, भजन और मन में जाप करना चाहिए। ऐसा करने से पूजा- पाठ का दोगुना फल प्राप्त होता है। साथ ही ग्रहण के समय अन्य या कोई अन्य चीज नहीं खानी चाहिए।
इस काम से पितृगण हो सकते हैं नाराज:
ग्रहण के समय मन को शांत रखकर सभी कार्य करने चाहिए। साथ ही परिवार के सभी सदस्यों को शांति के भाव से रहना चाहिेए। साथ ही आपस में या बाहर किसी लड़ाई- झगड़ा नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से पितृगण नाराज होते हैं।
इस काम से शनिदेव हो सकते हैं कुपित:
सूर्य ग्रहण के दिन ही शनि अमावस्या का संयोग बन रहा है। इसलिए इस दिन भूलकर गरीबों व जरूरतमंदों का अपमान नहीं करना चाहिए। क्योकि शनिदेव इनका प्रतिनिधित्व करते हैं। इसलिए इस दिन भूलकर गरीबों व जरूरतमंदों का अपमान नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से शनिदेव कुपित हो सकते हैं।
मांस, मदिरा का नहीं करें सेवन:
सूर्य ग्रहण के साथ शनि अमावस्या भी है। इसलिए इस दिन मांस, मदिरा का सेवन नहीं करें। अन्यथा सूर्य देव के साथ शनि देव का प्रकोप झेलना पड़ सकता है।
इन कार्यों को भी नहीं करें:
ग्रहण के समय भूलकर भी भूमि नहीं खोदनी चाहिए और पेड़ काटने से बचना चाहिए। साथ ही हो सके तो परिवार के सभी सदस्यों को पेड़ लगाने चाहिए। ऐसा करने से सूर्य देव और शनि देव प्रसन्न होंगे और आपको सुख- समृद्धि का आशीर्वाद देंगे।