वैदिक ज्योतिष में और हिंदू धर्म में शनि ग्रह का बेहद महत्व बताया गया है। शनि ग्रह का नाम सुनते ही लोगों के मन में डर बैठ जाता है। शनि देव न्याय प्रिय देवता हैं, मनुष्य के कर्म के हिसाब से उसको दंड देते हैं। यह आवश्यक नहीं कि आपकी कुंडली में शनि का अशुभ प्रभाव है तो आपके साथ बुरा होगा।
यदि कर्म अच्छे हों तो शनि अशुभ होकर भी शुभ फल प्रदान करते हैं। सभी नौ ग्रहों में शनि ग्रह सबसे धीमी गति से चलने वाला ग्रह होता है। इसके अलावा इस ग्रह की दशा साढ़े 7 वर्ष की होती है जिसे शनि की साढ़ेसाती कहते हैं, जिसका लोग नाम सुनते ही डर जाते हैं। वहीं शनि ग्रह को आयु, दुख, पीड़ा, विज्ञान, तकनीक, आदि का कारक भी माना जाता है।
वर्ष 2022 में शनि दो बार गोचर करने वाले है। पहला 29 अप्रैल को और दूसरा 22 जुलाई को 2022 को शनि का गोचर होगा। वहीं 30 अप्रैल, 2022 को सुबह 9:00 बज कर 57 मिनट पर शनि का कुंभ राशि में गोचर हो जाएगा। आइए जानते हैं कि इस गोचर से किन राशियों को लाभ होने वाला है।
मेष राशि: शनि के गोचर के साथ ही इस राशि के लोगों की किस्मत बदल सकती है। नौकरी की तलाश कर रहे जातकों को उपयुक्त नौकरी मिल सकती है। पहले से अधिक यह समय आपके अनुकूल होगा। प्रशासनिक नौकरी, लॉ फर्म और ईंधन उद्योग वाले जातकों के लिए यह अवधि अनुकूल रहने की संभावना है। वेतन में वृद्धि के साथ प्रमोशन भी मिल सकता है। छात्रों को उनके परीक्षा में सफलकता मिलती हुई दिख रही है।
तुला राशि: साल के शुरुआत में शनि तुला राशि के जातकों के चौथे भाव में स्थित होगा। इस दौरान घर बदलने वालों के लिए समय शुभ हो सकता है। छात्रों को अच्छे अवसर प्राप्त होने की संभावना है, साथ ही आगे की पढ़ाई के लिए उन्हें मनचाहा विश्वविद्यालय भी मिल सकता है। व्यवसायी जातकों को अच्छा लाभ मिलने की संभावना है। शौक और रुचि से जुड़ा से जुड़े व्यवसाय के लिए यह समय लाभकारी रह सकता है क्योंकि इस व्यवसाय में आप पूरे मन और लगन के साथ सफलता प्राप्त करने का प्रयास कर सकते हैं।
मकर राशि: मकर राशि के जातकों के लिए शनि का गोचर लाभप्रद साबित हो सकता है। एक से अधिक स्रोतों से आमदनी करने में सक्षम हो सकते हैं। कानून, चार्टर्ड अकाउंटेंसी या सचिवालय की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए यह अवधि अनुकूल है। पेट्रोलियम उद्योग से जुड़े जातकों के लिए यह समय शुभ है, इस दौरान आप अपने काम से बहुत अच्छा मुनाफ़ा कमा सकते हैं। साथ ही आपको इस दौरान किसी अटके हुए संसाधन से भी अचानक लाभ मिलने की संभावना है।