International Women’s Health Day (28th May 2022): महिला स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए वैश्विक स्तर पर 28 मई को यह दिवस मनाया जाता है। इस दिन का मनाने के पीछे का उद्देश्य महिलाओं के स्वास्थ्य और अधिकारों के बारे में जागरूकता फैलाना है। कोविड-19 के प्रकोप और लंबे समय तक घरों मे रहने के बाद लोगों ने अपनी सेहत को गंभीरता से लेना शुरू कर दिया है। महिलाएं खास करके अपनी सेहत के प्रति सचेत हो गई है। महिलाओं के लिए एक स्वस्थ लाइफस्टाइल का होना महत्वपूर्ण है। इस स्वस्थ लाइफस्टाइल में स्वस्थ डाइट, पर्याप्त पानी का सेवन, नियमित एक्सरसाइज़ और नियमित जांच शामिल है।
हम सब देखते हैं कि घर की महिलाएं अपने काम और जिम्मेदारियों के चलते अपनी सेहत पर ध्यान नहीं दे पातीं हैं। जिसके कारण कई बार उन्हें बीमारी की शुरुआत होने पर भी उसके बारे में पता नहीं चलता है। लक्षणों को न जान पाने के कारण यह बीमारियां समय के साथ-साथ गंभीर रूप ले सकती हैं। इसलिए महिलाओं को अपनी सेहत की ओर खास ख्याल देना चाहिए। आइए जानते हैं इसके बारे में स्वास्थ्य विशेषज्ञों का क्या कहना है-
सही उम्र में गर्भधारण: स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ नलिनी बागुल का कहना है कि 25 से 35 वर्ष की उम्र वाली महिला के लिए गर्भधारण करना आदर्श समय होता है और इस उम्र के बाद महिलाओं में डिंब की क्वालिटी और संख्या दोनों में कमी आ जाती है। इसके अलावा महिलाओं को हार्मोनल परिवर्तन, अनियमित पीरियड्स, मुंहासों, हीमोग्लोबिन के स्तर और कैल्शियम और प्रोटीन वाली डाइट खाने के बारे में सतर्क रहना जरूरी है।
महिलाओं में पोषक तत्वों की कमी: डॉक्टर नलिनी का कहना है कि भारतीय भोजन में प्रोटीन की कमी होती है इसी को ध्यान में रखते हुए सूक्ष्म पोषक तत्वों जैसे कि प्रोटीन, आयरन, कैल्शियम, विटामिन बी और डी, ओमेगा -3 फैटी एसिड के लिए स्प्राउट्स, दूध, पनीर, अंडे, मांस, मछली से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करना महत्वपूर्ण होता है। फास्ट फूड के ज्यादा सेवन से सेहत सम्बंधी कई समस्याएं जैसे कि मोटापा, और हाइपरटेंशन बढ़ता है। इसलिए यह ज़रूरी हो जाता है कि भूख को शांत करने के लिए ज्यादा फैट और नमक वाले खाद्य पदार्थों का सेवन न करके उसकी जगह स्वस्थ खाद्य पदार्थों को खाएं।
नियमित जांच: डॉक्टर नलिनी के मुताबिक महिलाओं में विटामिन और मिनरल्स की कमी होना आम बात है, इसलिए तैलीय या तले हुए, सोडियम युक्त और मसालेदार भोजन को ज्यादा नहीं खाना चाहिए। इस तरह के भोजन से शरीर का वजन बढ़ सकता है और एसिडिटी हो सकती है। जब महिलाओं की उम्र 20 साल हो जाए तब उन्हे डॉक्टर या गायनेकोलॉजिस्ट से नियमित रूप से विजिट करके कंसल्ट और जांच करना चाहिए और उसी हिसाब से लाइफस्टाइल का पालन करना चाहिए ।
रोग-प्रतिरोधक क्षमता: फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हार्ट इंस्टीट्यूट के इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी के कार्यकारी निदेशक और कैथ लैब के प्रमुख डॉ. अतुल माथुर का कहना है कि प्राकृतिक रूप से उम्र बढ़ने के साथ शरीर में कई परिवर्तन आते हैं, जिसमें पोषक तत्वों की कमी होने लगती है। उम्र बढ़ने के साथ-साथ हमारा शरीर बीमारियों का शिकार बनने लगता है इसलिए शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मज़बूत रखने के लिए नियमित विटामिन और मिनरल्स लेने की ज़रूरत पड़ती है।
शरीर के जरूरी हैं विटामिन: डॉक्टर माथुर के अनुसार, विटामिन आपके शरीर को बढ़ने और सही तरह से काम करने में मदद करते हैं। 13 ज़रूरी विटामिन होते हैं – विटामिन ए, सी, डी, ई, के और बी। विटामिन की तरह खनिज भी शरीर को चलाने में मदद करते हैं। खनिज ऐसे तत्व हैं जिनकी हमारे शरीर को चलाने के लिए ज़रूरत पड़ती है। शरीर को आयोडीन और फ्लोराइड जैसे कुछ खनिजों की बहुत कम मात्रा की ज़रूरत होती है, वहीं कैल्शियम, मैग्नीशियम और पोटेशियम जैसे खनिजों को ज़्यादा मात्रा में लेने की ज़रूरत पड़ती है।