डायबिटीज जिंदगी भर साथ रहने वाली बीमारी है। इस बीमारी को जड़ से खत्म नहीं किया जा सकता सिर्फ इसे कंट्रोल में रखा जा सकता है। यह एक मेटाबॉलिक डिसॉर्डर है, जिसमें मरीज़ के शरीर में ब्लड में ग्लूकोज का स्तर बहुत ज्यादा रहता है। जब पैंक्रियाज पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन का उत्पादन नहीं करता तो कोशिकाएं इंसुलिन के प्रति ठीक से प्रतिक्रिया नहीं कर पाती हैं। इंसुलिन ठीक से नहीं बनने पर व्यक्ति के मेटाबॉलिज्म पर भी उसका असर पड़ता है।
डायबिटीज के मरीजों को अपनी डाइट का विशेष ध्यान रखने की जरूरत होती है। शुगर को कंट्रोल रखने के लिए डाइट पर कंट्रोल रखना बेहद जरूरी है। डायबिटीज के मरीजों को सबसे ज्यादा परेशानी सुबह-सुबह होती है। सुबह सवेरे उनकी शुगर का स्तर हाई रहता है। आप जानते हैं कि सुबह सवेरे शुगर हाई रहने का कारण क्या है और उसे कैसे कंट्रोल में रखा जाए।
आइए जानते हैं कि सुबह सवेरे डायबिटीज के मरीजों का शुगर इतना हाई क्यों होता है? खाली पेट डायबिटीज के मरीजों का शुगर कितना होना चाहिए और बढ़े हुए शुगर को कैसे कंट्रोल करें।
सुबह सवेरे शुगर बढ़ने का कारण: एक्सपर्ट के मुताबिक डायबिटीज के मरीजों की सुबह सवेरे शुगर बढ़ने का मुख्य कारण हार्मोन्स में बदलाव आना है। रात को सोते समय हॉर्मोन्स को कंट्रोल करने के लिए शरीर में अधिक मात्रा में इंसुलिन का उत्पादन होता है जिसकी वजह से सुबह के समय ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है।
खाली पेट शुगर कितनी होनी चाहिए: खाली पेट में शुगर का लेवल 70 से 100 के बीच होना नॉर्मल है। खाना खाने के एक दम बाद ब्लड शुगर लेवल 170-200 तक नार्मल माना जाता है जबकि खाना खाने के 2-3 घंटे बाद ब्लड शुगर लेवल 120-140 mg/dl तक होना चाहिए।
शुगर कंट्रोल करने के उपाय:
- डायबिटीज के मरीज ब्लड में शुगर के स्तर को कंट्रोल रखना चाहते हैं तो समय-समय पर शुगर को चेक करें ताकि आपको शुगर बढ़ने और घटने का अंदाज़ा रहें।
- डायबिटीज के मरीज डाइट में हरी सब्जियों का सेवन करें।
- डायबिटीज के मरीज शुगर को कंट्रोल करना चाहते हैं तो बॉडी को हाइड्रेट रखें। बॉडी को हाइड्रेट रखने के लिए पानी का सेवन अधिक करें।
- सुबह डायबिटीज का स्तर हाई रहता है तो बॉडी को एक्टिव रखें आपकी शुगर कंट्रोल रहेगी। रोजाना वॉक करें।