Union Budget 2023: एनीमिया एक ऐसी बीमारी है जिससे हमारे देश ने अभी तक निजात नहीं पाई है। महिलाएं इस बीमारी से सबसे ज्यादा शिकार है। भारत में बड़े पैमाने पर फैली इस बीमारी को खतम करने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की है कि साल 2047 तक भारत को एनीमिया मुक्त देश बनाना है। 15 से 50 साल की 56 फीसदी महिलाएं हमारे देश में इस बीमारी से जूझ रही हैं। खराब डाइट इस बीमारी का मुख्य कारण है। डाइट में पोषक तत्वों की कमी होने पर ये बीमारी पनपती है।
एनीमिया का अर्थ है, शरीर में खून की कमी होना। हमारे शरीर में हिमोग्लोबिन एक ऐसा तत्व है जो शरीर में खून की मात्रा बताता है। पुरुषों में इसकी मात्रा 12 से 16 प्रतिशत तथा महिलाओं में 11 से 14 के बीच होना चाहिए। भारत में प्रेग्नेंट महिलाओं में, युवतियों और बच्चों में सबसे ज्यादा एनीमिया की परेशानी होती है।
भारत में प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं की होने वाली मौत में हर पांचवी मौत एनीमिया के कारण होती है। डॉक्टर दीप्ति विरमानी, कंसल्टेंट पैथोलॉजिस्ट के मुताबिक एनीमिया ना सिर्फ अपने आप में एक बीमारी है बल्कि ये बाकी बीमारियों से लड़ने की क्षमता को भी कम करती है। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि ये बीमारी क्या है और इसके लक्षण कौन-कौन से हैं।
एनीमिया क्या है? (What is anemia)
शरीर में खून की कमी होना एनीमिया की बीमारी है। ये बीमारी तब होती है जब रक्त में लाल कणों या कोशिकाओं के नष्ट होने की दर, उनके निर्माण की दर से अधिक होती है। किशोरावस्था और रजोनिवृत्ति के बीच की आयु में एनीमिया सबसे अधिक होता है। भारत में 80 फीसदी से अधिक गर्भवती महिलाएं एनीमिया से पीड़ित हैं।
एनीमिया के लक्षण कौन-कौन से हैं? (What are the symptoms of anemia)
- स्किन का पीला होना
- हार्ट बीट का कम या ज्यादा होना
- चक्कर आना
- सांस लेने में दिक्कत होना
- सिरदर्द
- स्टूल के रंग में बदलाव होना
- एकाग्रता में कमी होना
- बार-बार बीमार होना
- मसल्स में दर्द होना
किन लोगों में एनीमिया ज्यादा होता है: (Which people have more anemia)
- प्रेग्नेंसी में एनीमिया ज्यादा होता है।
- उन फीमेल में ज्यादा होता है जो बार-बार प्रेग्नेंट होती है।
- टीनएजर्स प्रेग्नेंसी में एनीमिया की परेशानी ज्यादा होती है।
- गरीब घर के बच्चों में जहां खाने-पीने की कमी है उन लोगों को इस बीमारी का खतरा ज्यादा है।