Walking on Green Grass:हरी-हरी घास हो और उसपर ओस की बूंदें हो तो दिल और दिमाग दोनों को सुकून मिलता है। हरी घांस पर नंग पाव चलने से सिर्फ दिल को सुकून ही नहीं मिलता बल्कि दिल हेल्दी भी रहता है। सुबह-सुबह हरी घास पर चलने से बॉडी को कुदरती एनर्जी मिलती है, इससे दिमाग से नकारात्मक ऊर्जा निकलने लगती है। सुबह-सुबह हरी घास पर चलने से तन और मन दोनों स्वस्थ्य रहते हैं। इससे शारीरिक और मानसिक तनाव कम होता है दिल हेल्दी रहता है।
घास पर पैदल चलने से धरती का इलेक्ट्रोन सीधे दिमाग तक पहुंचता है, इससे दिमाग की सक्रियता बढ़ जाती है। सबसे अच्छी बात यह है कि घास पर नंगे पांव चलने से खून की धमनियों में हलचल तेज हो जाती है जिससे यह फैलने लगती हैं। यानी धमनियों में खून का बहाव तेज हो जाता है। आइए जानते हैं कि हरी घास पर चलने के क्या-क्या फायदे हैं।
दिल तंदुरुस्त रहता है:
घास पर चलने से पैर पर पड़े दबाव का सीधा असर दिमाग पर होता है। इससे हार्मोन की सक्रियता बढ़ जाती है। इससे रक्त संचार का प्रवाह बढ़ जाता है। हरी घास पर चलने के दौरान हार्ट बीट और ब्लड प्रेशर संतुलित रहता है जिसके कारण हार्ट डिजीज का जोखिम बहुत कम हो जाता है।
इंफ्लामेशन और दर्द होता है दूर:
हरी घास पर चलने से हीलिंग क्षमता बढ़ जाती है, इससे इंफेक्शन या इंज्यूरी के बाद इंफ्लामेशन या स्वेलिंग की समस्या जल्दी सही हो जाती है। यह पेन रिलीफ का भी काम करता है।
मानसिक सेहत रहती है दुरुस्त:
हरी घास पर चलने का असर यह होता है कि इससे मानसिक सेहद दुरुस्त रहती है। मनोवैज्ञानिक रूप से हमारे दिमाग पर सकारात्मक असर पड़ता है, इसलिए यदि आप मानसिक शांत रहना चाहते हैं तो सुबह-सुबह हरी घास पर नंगे पांव चलिए।
नींद के पैटर्न में होता है सुधार:
अगर आप नंगे पांव घास पर चलते हैं तो रात को सुकून भरी नींद आएगी। हरी घास पर चलने से नींद का पूरा पैटर्न सही हो जाएगा। घांस पर चलना एक तरह से स्लीपिंग पिल की तरह काम करेगा।
आंखों की रोशनी बढ़ेगी:
हरी घास पर नंगे पांव चलने से आंखों की रोशनी बढ़ती है। एक रिसर्च के मुताबिक घास पर नंगे पांव चलने से पैरों के दूसरे और तीसरे टखने पर सबसे अधिक दबाव पड़ता है। इन टखनों का सीधा कनेक्शन आंखों से जुड़ा हुआ है, इसलिए नंगे पांव चलना आंखों की हेल्थ के लिए बहुत फायदेमंद है।