Vestibular Hypofunction Symptoms: वर्तमान समय में खराब लाइफस्टाइल की वजह से आम लोगों से लेकर तमाम सेलेब्रिटीज कई तरह की बीमारियों का सामना कर रहे हैं। कुछ दिनों पहले बॉलीवुड अभिनेता वरुण धवन ने एक इंटरव्यू में खुलासा किया था कि वह वेस्टिबुलर हाइपोफंक्शन से पीड़ित हैं। वरुण धवन अक्सर अपनी फिटनेस को लेकर चर्चा का विषय बने रहते थे, लेकिन उनके खुलासे ने सभी को चौंका दिया है। अब लोग यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि वेस्टिबुलर हाइपोफंक्शन रोग क्या है और यह हमारे शरीर और मानसिक स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित करता है। जानिए इससे जुड़ी सारी बातें-
हॉपकिंस मेडिसिन की रिपोर्ट के अनुसार, वेस्टिबुलर हाइपोफंक्शन एक संतुलन विकार है, जो कान में संक्रमण या अन्य कारणों से होता है। इससे आंख, नाक और कान का वेस्टिबुलर सिस्टम बिगड़ जाता है। कान के अंदर एक सेंसर होता है, जो हमारे दिमाग को सूचना भेजता है और इससे शरीर का संतुलन ठीक रहता है।
वेस्टिबुलर हाइपोफंक्शन के कारण, कान का सेंसर ठीक से काम नहीं करता है और आवश्यक संकेत मस्तिष्क तक नहीं पहुंच पाते हैं। ऐसे में लोगों के शरीर का संतुलन बिगड़ जाता है। वैसे तो यह बीमारी किसी भी उम्र के लोगों को हो सकती है, लेकिन बुजुर्ग इसकी चपेट में सबसे ज्यादा आते हैं।
इस बीमारी का कारण क्या हो सकता है?
- यह डिसऑर्डर संक्रमण के कारण हो सकता है।
- कुछ दवाएं खाने से भी यह समस्या हो सकती है।
- यह समस्या आंतरिक समस्याओं या कान के खराब परिसंचरण के कारण हो सकती है।
- यह डिसऑर्डर कान की सेमी सर्कुलर कैनाल में कैल्शियम के मलबे के जमा होने के कारण भी हो सकता है।
- दर्दनाक मस्तिष्क की चोट या अन्य चोटें भी इस डिसऑर्डर का कारण बन सकती हैं।
वेस्टिबुलर हाइपोफंक्शन के लक्षण
- चक्कर आना
- संतुलन हानि
- धुंधली दृष्टि
- तैरता हुआ महसूस कर रहा/रही है
- गिरना या ठोकर लगना
- व्याकुलता
- जी मिचलाना
- दस्त और उल्टी
- चिंता और भय
- हृदय की लय बदलना
अब वरुण धवन की कैसी है लाइफस्टाइल
वरुण धवन ने ट्वीट करते हुए लिखा कि हर कोई जो चिंतित है, उनके साथ मैं साझा करना चाहता हूं कि मैं योग, तैराकी, फिजियो और जीवनशैली में बदलाव की मदद से बहुत बेहतर महसूस कर रहा हूं। धूप लेना सबसे महत्वपूर्ण है। आपको बता दें कि वेस्टिबुलर हाइपोफंक्शन डिसऑर्डर से पीड़ित लोग इलाज के लिए नाक, कान और गले के विशेषज्ञ से सलाह ले सकते हैं। अपनी जीवनशैली में सुधार करके आप इस समस्या से काफी हद तक राहत पा सकते हैं। डॉक्टर रक्त परीक्षण, दृष्टि परीक्षण, श्रवण परीक्षण और सिर और मस्तिष्क इमेजिंग परीक्षण करने के बाद इस विकार का इलाज करते हैं। कुछ मामलों में सर्जरी की भी आवश्यकता होती है।