वतर्मान समय में बदलती जीवनशैली और खानपान के कारण लोगों में यूरिक एसिड का बढ़ना आमा हो गया है। यूरिक एसिड बढ़ने से लोगों को गठिया सकती है। इसके अलावा दिल का दौरा, किडनी फेलियर और मल्टीपल ऑर्गन फेलियर का खतरा भी बढ़ जाता है। किडनी जब यूरिक एसिड को फिल्टर करने में सक्षम नहीं रह पाती, तो यह हड्डियों के जोड़ों के बीच क्रिस्टल्स के रूप में इक्ट्ठा होने लगता है।
हाई यूरिक एसिड के मरीजों को अपने खानपान का विशेष तौर पर ध्यान रखने की आवश्यकता होती है। कुछ ऐसी चीजें हैं, जिनके सेवन से बॉडी में यूरिक एसिड की मात्रा को बढ़ सकती है, इसके कारण जोड़ों में दर्द और सूजन की परेशानी हो सकती है। आइए जानते हैं कि ऐसे कौन से फूड्स हैं जिन्हें यूरिक एसिड मरीजों को सर्दी के मौसम या ठंड के दिनों में खाने से बचना करना चाहिए। यूरिक एसिड के मरीजों को इनके सेवन से बचना चाहिए-
प्यूरीन युक्त खाद्य पदार्थ: यूरिक एसिड के मरीजों को ताजी फूलगोभी, पत्तागोभी, मशरूम की सब्जी खाने से बचना चाहिए। क्योंकि प्यूरीन के टूटने पर ही शरीर में यूरिक एसिड बनता है। इसलिए नॉन-वेज, सीफूड और अल्कोहल जैसी चीजों का सेवन भी नहीं करना चाहिए क्योंकि इन सभी में अधिक मात्रा में प्यूरीन होता है। इसके अलावा दही, सिरका, छाछ आदि का सेवन भी बंद कर देना चाहिए।
हरी मटर और पालक: हरी मटर और पालक में प्यूरिन की भरपूर मात्रा पाई जाती है। सर्दी के मौसम में साग का सेवन अधिक किया जाता है, ऐसे में पालक प्रोटीन, आयरन से भरपूर होता है और सेहत के लिहाज से काफी फायदेमंद माना जाता है। लेकिन जो यूरिक एसिड के मरीज हैं उनके लिए काफी नुकसानदायक साबित हो सकता है। इससे दर्द और सूजन की समस्या बढ़ सकती है। इसलिए यूरिक एसिड के मरीजों को इसे खाने से बचना चाहिए।
ब्रसेल्स और स्प्राउट्स: यूरिक एसिड की समस्या से पीड़ित व्यक्तियों को कुछ दाल और बीन्स के सेवन से बचना चाहिए। इसके अलावा ब्रसेल्स और स्प्राउट्स खाने से भी बचना चाहिए। गठिया के मरीजों को विशेष रूप से काले चने, हॉर्स ग्राम (कुलथी), राजमा और छोले आदि के सेवन से परहेज करना चाहिए। इन चीजों के सेवन से शरीर में यूरिक एसिड का स्तर बढ़ सकता है। जिसके कारण जोड़ों में दर्द और सूजन की समस्या बढ़ सकती है।