शरीर में यूरिक एसिड का हाई होना एक खतरनाक स्थिति है। यूरिक एसिड बॉडी में बनने वाले टॉक्सिन हैं जो हम सभी की बॉडी में बनते हैं और किडनी उसे फिलटर करके आसानी से यूरीन के जरिए बॉडी से बाहर भी निकाल देती है। यूरिक एसिड का बनना परेशानी की बात नहीं है लेकिन इसका बॉडी से बाहर नहीं निकलना परेशानी बढ़ा सकता है। डाइट में प्यूरीन वाले फूड्स का अधिक सेवन करने से बॉडी में यूरिक एसिड का स्तर बढ़ने लगता है। यूरिक एसिड हाई होने से कई स्वास्थ्य समस्याएं जैसे हाथ-पैरों के जोड़ों में दर्द, हड्डियों में दर्द,हड्डियों में सूजन की परेशानी बढ़ने लगती है।
जब किडनी यूरिक एसिड को बॉडी से बाहर नहीं निकाल पाती है तो वो जोड़ों में क्रिस्टल के रूप में जमा होने लगते हैं जिससे हाइपरयूरिसीमिया (Hyperuricemia) नामक स्थिति उत्पन्न हो जाती है जो गाउट का कारण बनती है। कई रिसर्च में ये बात सामने आई है कि हाई यूरिक एसिड टाइप 2 डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और फैटी लीवर की बीमारियों का जोखिम बढ़ाता है।
यूरिक एसिड का उपचार नहीं किया जाए तो हड्डियों, जोड़ों और ऊतकों को नुकसान पहुंच सकता है। अगर शुरुआती दौर में इस परेशानी पर काबू नहीं पाया जाए तो समय के साथ समस्या बढ़ती जाती है। यूरिक एसिड को कंट्रोल करने के लिए कुछ हर्ब्स का सेवन बेहद असरदार साबित होता है।
एम्स के पूर्व कंसल्टेंट और साओल हार्ट सेंटर के फाउंडर एंड डायरेक्टर डॉ बिमल झांजेर के मुताबिक दो हर्ब्स का सेवन एक साथ करके यूरिक एसिड को कंट्रोल किया जा सकता है। नीम और हल्दी दो ऐसे असरदार हर्ब्स है जिनका सेवन एक साथ किया जाए तो आसानी से यूरिक एसिड को कंट्रोल किया जा सकता है। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि हल्दी और नीम का एक साथ कैसे सेवन करें कि यूरिक एसिड कंट्रोल रहे।
हल्दी कैसे यूरिक एसिड कंट्रोल करती है:
हल्दी एक ऐसा मसाला है जिसका इस्तेमाल करके कई बीमारियों पर काबू पाया जा सकता है। एक्सपर्ट के मुताबिक एक दिन में 8 ग्राम हल्दी बेहद जरूरी है। हल्दी के एंटीऑक्सीडेंट गुण यूरिक एसिड हाई होने की वजह से होने वाले हड्डियों और जोड़ों के दर्द से राहत दिलाते हैं। हल्दी में मौजूद (curcumin)नामक गुण जोड़ों के दर्द और सूजन को कम करता है। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीबायोटिक गुण मौजूद होते हैं जो जोड़ों के दर्द से राहत दिलाते हैं।
नीम का सेवन कैसे यूरिक एसिड को कंट्रोल करता है:
नीम औषधीय गुणों से भरपूर हर्ब्स है जिसमें एंटी-इंफ्लेमेट्री गुण मौजूद होते हैं। इसका सेवन करने से सूजन और दर्द से राहत मिलती है। स्वाद में कड़वा नीम बीमारियों का रामबाण इलाज है। कच्चे नीम के पत्तों को पीसकर उसका पेस्ट बना लें और उन्हें मटर के दाने की जितनी गोली का शेप दें। नीम स्वाद में कड़वा होता है इसलिए उसका पेस्ट खाना या पत्ता खाना मुश्किल होता है। आप नीम की गोली बनाकर रखें और उसका पानी के साथ सेवन करें। हल्दी और नीम का सेवन लीवर को हेल्दी रखता है और यूरिक एसिड को भी कंट्रोल करता है।