पाइल्स एक ऐसी बीमारी है जिनके मरीजों की संख्या देश और दुनिया में तेजी से बढ़ती जा रही है। इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति के एनस के अंदर और बाहरी हिस्से में सूजन आ जाती है, जिसकी वजह से एनस के अंदरूनी हिस्से या फिर बाहर के हिस्से में स्किन जमा होकर मस्से बनने लगते है। सवाल ये उठता है कि इस बीमारी की शुरूआत कैसे होती है। पाइल्स का मुख्य कारण कब्ज है जिसके कारण पेट साफ नहीं होता है और मल त्याग में जोर लगाना पड़ता है और पाइल्स की समस्या हो जाती है।
पाइल्स की बीमारी होने के कई कारण हैं जैसे खराब डाइट,बिगड़ता लाइफस्टाइल,लम्बे समय तक एक ही जगह खड़े रहना,मोटापा और प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को पाइल्स की परेशानी हो सकती है। अक्सर देखा गया है कि ये बीमारी 50 साल की उम्र के बाद होती है। इस बीमारी का उपचार करने में डाइट बेहद असरदार साबित होती है। अगर पर्याप्त मात्रा में पानी पीया जाए, साबुत अनाज का सेवन किया जाए, फलों और हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन किया जाए तो बवासीर के लक्षणों पर काबू पाया जा सकता है।
पाइल्स तब होती हैं जब रेक्टम में सूजन हो जाती है। पेनफुल इस बीमारी की वजह से लोग बेहद शर्म महसूस करते हैं और असहनीय दर्द को बर्दाश्त करते रहते हैं। हद तो तब होती है जब लोग इस बीमारी का इलाज तक कराने में शर्म महसूस करते हैं। हेल्थ वेबसाइट मायो क्लिनिक के मुताबिक पाइल्स की बीमारी को छुपाएं नहीं बल्कि उसका इलाज कराएं। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि पाइल्स का सही इलाज क्या है। आइए जानते हैं कि डाइट की मदद से और कौन से तरीके अपनाकर आप पाइल्स का इलाज कर सकते हैं।
फाइबर को करें डाइट में शामिल:
अगर आप पाइल्स से परेशान रहते हैं तो सबसे पहले डाइट में बदलाव करें। डाइट में फाइबर वाले फूड्स को शामिल करें। फाइबर युक्त सब्जियों और फलों का सेवन पाइल्स की समस्या से निजात दिला सकता है। फाइबर वाले फूड्स पाइल्स की समस्या से छुटकारा दिलाने में असरदार हैं।
सिट्ज बाथ से घर में ही मिलेगा दर्द से छुटकारा:
बवासीर के दर्द से परेशान रहते हैं तो सिट्ज बाथ लें। सिट्ज बाथ लेने से एनल रीजन में जलन, दर्द और खुजली की परेशानी से राहत मिलती है। यह बवासीर से जल्दी छुटकारा पाने के प्राकृतिक तरीकों में से एक है। सिट्ज बाथ से मकसद है कि आप एक टब में गर्म गुनगुना पानी लें और उसकी सतह पर 10-15 मिनट बैठे। दिन में दो बार गर्म पानी की सिकाइ करने से पाइल्स के लक्षण जल्दी दूर होंगे।
एनस में क्रीम का इस्तेमाल करें:
पाइल्स के मरीजों को अक्सर डॉक्टर एनस में क्रीम लगाने की सलाह देते हैं। इस क्रीम में हाइड्रोकॉर्टिसोन होता है जो मलद्वार को स्मूथ बनाता है और दर्द से राहत दिलाता है। इस क्रीम का इस्तेमाल करने के साथ ही आप दवाईयों का भी सेवन करें जल्द आपको दर्द से राहत मिलेगी।
रबर बैंड लिगेशन होगा पक्का इलाज:
अगर आपको लम्बे समय तक पाइल्स की बीमारी परेशान कर रही है तो आप रबर बैंड लिगेशन का सहारा ले सकते हैं। यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें डॉक्टर एक छोटी सी मशीन के माध्यम से एक या दो छोटे रबर बैंड को बवासीर के आधार पर फिट कर देते हैं जिससे सूजन के लिए जिम्मेदार नसों का ब्लड सर्कुलेशन से संपर्क टूट जाता है। कुछ हफ्तों के बाद ये रबड़ बैंड खुद ही निकल जाता है।