Insulin Plant Benefits : मधुमेह एक ऐसी बीमारी है जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को कम कर देती है जिससे कई बीमारियां शरीर को अपनी चपेट में ले लेती हैं। ऐसे में एक पौधा है जो कि जो मधुमेह को नियंत्रित करने में काफी कारगर है। आइए जानते हैं इस पौधे के बारे में-
एनसीबीआई के मुताबिक इंसुलिन लीफ की मदद से ब्लड शुगर को नियंत्रित किया जा सकता है और टाइप-2 डायबिटीज की समस्या का इलाज किया जा सकता है। आपको बता दें कि इस पौधे में न तो इंसुलिन होता है और न ही यह शरीर में इंसुलिन बनाता है, लेकिन इस पौधे में मौजूद प्राकृतिक रसायन चीनी को ग्लाइकोजन में बदल देते हैं, जो चयापचय की प्रक्रिया को बढ़ावा देता है।
इंसुलिन पौधे के हैं कई नाम
आयुर्वेद में इंसुलिन पौधों का बहुत महत्व है। इसका वैज्ञानिक नाम कैक्टस पिक्टस है और इसे क्रेप जिंजर, केमुक, क्यू, किकंद, कुमुल, पकरमूला और पुष्करमूला जैसे अन्य नामों से भी जाना जाता है। इंसुलिन एक ऐसा पौधा है जिसके पत्तों को चबाकर आप अपने शुगर को काफी हद तक नियंत्रित कर सकते हैं। इसके पत्तों का स्वाद स्वाद में खट्टा होता है।
इंसुलिन का पौधा मधुमेह में लाभकारी
इंसुलिन के पौधे में कोर्सोलिक एसिड पाया जाता है, जो खांसी, जुकाम, संक्रमण, फेफड़े और अस्थमा जैसी बीमारियों में फायदेमंद होता है। यदि मधुमेह का रोगी 6 से 7 बार कुछ अंतराल में भोजन करता है तो शरीर में बार-बार इंसुलिन का उत्पादन होता है यानी शुगर के मरीज के लिए गैप पर खाना फायदेमंद होता है। वहीं सुबह शाम इसके सेवन से लाभ मिलेगा।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार इंसुलिन के पौधे की पत्ती को एक महीने तक रोजाना चबाने से शुगर में आराम मिलता है। आप इसका सेवन चूर्ण के रूप में भी कर सकते हैं। आपको बस इतना करना है कि सूखे पत्तों को पीसकर पाउडर बना लें। इससे मधुमेह नियंत्रण में रहता है।
इंसुलिन के पौधे का इस तरह प्रयोग करें
इंसुलिन के पौधे की दो पत्तियों को लेकर अच्छी तरह से धो लें। धोने के बाद इसकी पत्तियों को पीसकर एक गिलास पानी में घोलकर नियमित रूप से सुबह-शाम सेवन करने से मधुमेह को कंट्रोल करने में फायदा मिलता है। जानकारों के मुताबिक इसके नियमित सेवन से मधुमेह की बीमारी में सुधार दिखने लगता है।