आम तौर पर जब आपके रक्त शर्करा (Blood Sugar) का स्तर बहुत अधिक हो जाता है तो इसे हाइपरग्लाइसेमिया या उच्च रक्त शर्करा कहा जाता है। इसको रोकने के लिए तुरंत इंसुलिन लेने की जरूरत पड़ती है। जब शरीर में इंसुलिन का स्तर कम हो जाता है तो यह डायबेटिक केटोएसिडोसिस (DKA) कहलाता है। यह एक मेडिकल इमरजेंसी की स्थिति होती है।
अगर आपको सांस लेने में कठिनाई हो रही हो, सांस की बदबू आ रही हो, मतली और उल्टी हो रही हो, मुंह सूख रहा हो और घबड़ाहट हो रही हो तो संभव है कि आपको ब्लड शुगर की समस्या हो। ऐसी स्थिति में डॉक्टर को जरूर दिखाएं।
यह बीमारी दो तरह की होती है। टाइप 1 बहुत कम उम्र के बच्चों में होता है। इसमें लंबे समय तक, कभी-कभी पूरी लाइफ इंसुलिन लेने की जरूरत पड़ती है। टाइप 2 आमतौर पर वयस्कों में होता है। माना जाता है कि बॉडी में इंसुलिन कम बनने के कारण यह होता है।
उपाय: नियमित योगासन और कसरत करने, शरीर में कार्बोहाइड्रेट वाले खाने की की मात्रा में कमी लाने, रेशेदार फलों और सब्जियों तथा सलाद की मात्रा बढ़ाने, पर्याप्त पानी पीने, वजन को नियंत्रित करने, अपनी पाचन शक्ति का मापन करने, तनाव से बचने और खुशी रहने तथा पर्याप्त नींद लेने से इस पर नियंत्रण किया जा सकता है।