पेप्टिक अल्सर एक ऐसी परेशानी है जिसमें पेट की अंदरूनी परत में घाव होने लगते हैं और ये घाव इतने ज्यादा होते हैं कि छोटी आंत को खा जाते हैं। ये घाव आपके पेट की अंदरूनी परत और आपकी छोटी आंत के ऊपरी हिस्से में बढ़ते हैं। पेप्टिक अल्सर का सबसे आम लक्षण पेट दर्द है। पेप्टिक अल्सर दो प्रकार के होते हैं।
गैस्ट्रिक अल्सर पेट के अंदर होता है जबकि डुओडेनल अल्सर (Duodenal ulcers) छोटी आंत के ऊपरी हिस्से के अंदर होता है। इस बीमारी की वजह से मरीज को पेट में दर्द और कई तरह की परेशानियां होती है।
मेडीकेयर हॉस्पिटल के सलाहकार जनरल चिकित्सक डॉ नागराजू रविकांति के मुताबिक अगर समय रहते इस बीमारी का इलाज नहीं किया जाए तो ये बीमारी छोटी आंत को खा जाती है। आइए जानते हैं कि पेप्टिक अल्सर के कारण कौन-कौन से हैं और इस बीमारी के लक्षणों की पहचान कैसे करें।
पेप्टिक अल्सर के कारण कौन-कौन से हैं?
पेप्टिक अल्सर का सबसे आम कारण जीवाणु हेलिकोबैक्टर पाइलोरी (Helicobacter pylori)से संक्रमण होना और नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स जैसे इबुप्रोफेन (ibuprofen) और नेपरोक्सन सोडियम (naproxen sodium) का लम्बे समय तक उपयोग करना शामिल है। इस अल्सर के बढ़ने की बात करें तो ये तनाव और मसालेदार भोजन से नहीं होता है लेकिन ये इस बीमारी के लक्षणों को बदतर बना सकता हैं।
पेप्टिक अल्सर के लक्षणों की पहचान कैसे करें:
- गंभीर पेट दर्द होना
- पेट में जलन होना कुछ भी खाने पर सीने में जलन होना
- सुस्त महसूस होना
- पेट का फूला हुआ महसूस होना और दर्द होना
- वसा वाला भोजन खाने से परेशानी होना
- मिजाज़ में खराबी होना
- मूड का बदलना
- मतली और उल्टी की परेशानी होना
- वजन का घटना और भूख का कम होना इस परेशानी के मुख्य लक्षण हैं।
पेप्टिक अल्सर के गंभीर लक्षणों की बात करें तो
- उल्टी या खून की उल्टी होना। उल्टी का रंग लाल या काला दिखाई दे सकता है।
- स्टूल में ब्लड आना,मल का रंग काला होना
- सांस लेने में तकलीफ़ होना
- बेहोश होने जैसा महसूस होना
- मतली या उलटी
- वजन का घटना
- भूख बदल जाना
डॉक्टर से कब संपर्क करें:
अगर आप लगातार पेट में दर्द, उल्टी, मतली या फिर खून की उल्टी आने जैसे लक्षण महसूस करते हैं तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।