हम सबको पता है कि लिवर (Liver) हमारे शरीर का एक बेहद महत्वपूर्ण अंग है और लिवर में होने वाली एक गंभीर बीमारी है फैटी लिवर (Fatty Liver Disease)। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक हाल के वर्षों में जीवनशैली की गड़बड़ी और खान-पान में पौष्टिकता कमी के कारण कई प्रकार के रोगों का खतरा बढ़ गया है।
लिवर में फैट की अधिकता से सूजन बढ़ जाती है, जिससे इस अंग के डैमेज होने का खतरा भी बढ़ जाता है। शरीर के लिए प्रोटीन का निर्माण की हो या फिर विषैले पदार्थों को दूर करने से लेकर खाना पचाने, ऊर्जा का संचयन करने, पित्त बनाने और कार्बोहाइड्रेट को स्टोर करना यह सभी काम लिवर ही करता है।
गलत खानपान और खराब जीवनशैली कम उम्र में ही लोगों को फेफड़े, हृदय, किडनी और लिवर से जुड़ी तमाम तरह की बीमारियां घेर लेती हैं। ऐसे में अगर आपको फैटी लिवर की शिकायत है और आप उसे हल्के में ले रहे हैं तो आपको गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। तो फैटी लीवर से जूझ रहे लोगों को यह जानना बेहद जरूरी है कि उन्हें किस तरह का खाना खाने से बचना चाहिए?
फैटी लिवर के कारण: स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक लिवर में फैट जमा होना पदार्थों को मेटाबोलाइज (रासायनिक प्रतिक्रिया) करने की एक क्षमता है, लेकिन यही फैट यदि अधिक मात्रा में जमा हो जाये तो फैटी लिवर की समस्या हो सकती है। वैसे तो यह समस्या उम्र के साथ होती है लेकिन कुछ ऐसी समस्याएं या बीमारी होती हैं जिनकी वजह से आपको फैटी लिवर की समस्या हो सकती है। उसमें हाइपरटेंशन, मोटापा, डायबिटीज (मधुमेह), कोलस्ट्रॉल का बढ़ना, मेटाबोलिक गड़बड़ी के कारण भी आपको यह बीमारी हो सकती है।
बरतें सावधानी: फैटी लिवर की समस्या से पीड़ित व्यक्तियों को अधिक मीठे के सेवन से बचना चाहिए। अधिक तली-भुनी चीजों को खाने से भी फैटी लिवर के मरीजों को बचना चाहिए। अधिक शराब का सेवन करने से भी फैटी लिवर की बीमारी हो सकती है। अगर आप पहले से ही फैटी लिवर की समस्या से जूझ रहे हैं तो शराब को बिल्कुल बंद कर दें। इसके अलावा फैटी लिवर के मरीजों को घी, मक्खन, मलाईदार दूध पीने के साथ उन चीजों को डाइट से निकाल दें, जिनमें फैट, कैलोरी की मात्रा अधिक होती है।
मेडिकल भाषा में फैटी लिवर की समस्या को हेप्टिक स्टोटोसिस कहा जाता है। एक स्टडी के मुताबिक वर्तमान में दुनिया का एक तिहाई हिस्सा फैटी लिवर की बीमारी से जूझ रहा है। ज्यादातर लोग सोचते हैं कि फैटी लीवर (Fatty Liver) केवल उन्हीं लोगों को होता है, जो बहुत अधिक शराब पीते हैं, लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। यह एक आम बीमारी है, यह उन लोगों को भी हो सकती है, जो बिल्कुल भी शराब नहीं पीते।