प्रेग्नेंसी में हेल्दी प्रेग्नेंसी के लिए विटामिन डी का सेवन बेहद जरूरी है। विटामिन डी बॉडी के लिए जरूरी पोषक तत्व है जिसे हम एक हॉर्मोन भी कह सकते हैं। इस हॉर्मोन का निर्माण हमारी बॉडी में होता है। बॉडी में विटामिन डी की प्रॉप्ति हम धूप से और फूड्स से करते हैं। विटामिन डी हमारी हड्डियों का स्वास्थ्य बनाए रखता है और इम्युनिटी को भी स्ट्रॉन्ग बनाता है।
प्रेग्नेंसी के दौरान विटामिन डी का होना सेहत के लिए फायदेमंद है। इसकी कमी होने से ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है, इंफेक्शन का खतरा बढ़ सकता है और प्रीमैच्यूर प्रेग्नेंसी का खतरा भी बढ़ सकता है। टेस्ट ट्यूब बेबी कंसल्टेंट एंड गायनेकोलॉजिस्ट डॉक्टर सुप्रिया पुराणिक के मुताबिक आमतौर पर देखा जाए तो 80 फीसदी महिलाओं में विटामिन डी की कमी होती है। विटामिन डी मां और बच्चे के लिए बहुत जरूरी होता है। आइए जानते हैं कि प्रेग्नेंसी में बॉडी में विटामिन डी की कमी होने पर बॉडी में कौन-कौन से लक्षण दिखते हैं।
प्रेग्नेंसी में विटामिन डी की कमी होने पर दिखने वाले लक्षण: (Symptoms of Vitamin D deficiency During pregnancy)
- लगातार हड्डियों में दर्द महसूस होना
- मसल्स में दर्द, ऐंठन की शिकायत रहना
- हमेशा थकान महसूस होना
- कमजोरी महसूस करना
- मूड स्विंग और चिड़चिड़ापन होना बॉडी में विटामिन डी की कमी के लक्षण हैं।
महिलाओं में प्रेग्नेंसी में विटामिन डी की कमी किन कारणों से होती है: (vitamin D deficiency causes during pregnancy)
प्रेग्नेंसी के दौरान अक्सर महिलाए स्किन पर सनस्क्रीन लगाकर घर से बाहर निकलती है। इस लोशन को स्किन पर लगाने से सूरज कि किरणें हमारी स्किन पर नहीं पड़ती जिससे हमारी बॉडी में विटामिन डी का निर्माण कम होता है।
स्किन पर पिग्मेंटेशन होने से और स्किन का रंग डार्क होने से भी बॉडी में विटामिन डी की कमी होने लगती है।
वजन ज्यादा होने से, उम्र बढ़ने पर और आंत की हेल्थ खराब होने पर भी बॉडी में विटामिन डी की कमी होने लगती है।
प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही में विटामिन डी की जांच कराना बेहद जरूरी है ताकि इसकी कमी को पूरा किया जा सके।
विटामिन डी को ऐसे प्राप्त करें (vitamin D Source)
- प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाएं हफ्ते में दो से तीन बार धूप में बिना सनस्क्रीन लगाएं टहलें। धूप में टहलने से बॉडी को धूप से विटामिन डी मिलेगा।
- विटामिन डी फूड्स के जरिए भी आप हासिल कर सकते हैं। आप दूध, दूही, पनीर, फैटी फिश जैसे सैल्मन, टूना, अंडे की जर्दी, चीज, अनाज, संतरे के जूस का सेवन करें।
- विटामिन डी सप्लिमेंट्स अपनी डॉक्टर की सलाह पर लें।