हाल के महीनों में ब्रिटेन में दस वर्ष से कम उम्र के बच्चों में हेपेटाइटिस के गंभीर मामलों में बढ़ोतरी देखी गई है। अमेरिका, स्पेन और आयरलैंड में बच्चों में गंभीर हेपेटाइटिस के मामलों में इज़ाफा हुआ है। हेपेटाइटिस किसी प्रकार का वायरल संक्रमण है, ये संक्रमण लीवर से संबंधित है। बच्चे के जन्म के बाद शुरुआत में ही बच्चों को हेपेटाइटिस से बचाव के लिए टीका दिया जाता है।
सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक, 18 साल से कम उम्र तक और उससे वयस्क लोगों को छह से बारह महीने में हेपेटाइटिस की तीन डोज दी जाती है, इससे वे इस बीमारी से पूरी तरह महफूज रहते हैं।
कोरोनाकाल में बच्चों में हेपेटाइटिस के मामले आना लोगों को परेशान कर रहा है। विशेषज्ञ जांच कर रहे हैं कि कहीं इसका संबंध कोविड-19 से तो नहीं है। हालांकि इस बीमारी का सही इलाज करने पर इस बीमारी पर काबू पाया जा सकता है लेकिन कुछ मरीजों में लीवर ट्रांसप्लांट करने तक की नौबत आ जाती है। कोरोनाकाल में बच्चों की सेहत का ध्यान रखना जरूरी है। इस बीमारी के लक्षणों की पहचान करके तुरंत उसका उपयार किया जाए तो नौबत बदतर नहीं होती। आइए जानते हैं कि इस बीमारी के लक्षण कौन-कौन से हैं और उनका उपचार कैसे किया जाएं।
हेपेटाइटिस के लक्षण: पीलिया, पेशाब का रंग गहरा हो जाना, अत्यधिक थकान, वजन का घटना, मतली,उल्टी, पेट दर्द और सूजन, भूख कम लगना और खुजलाहट महसूस होना है। बच्चे में बीमारी के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लें, इस बीमारी में लापरवाही घातक हो सकती है।
हेपेटाइटिस का उपचार कैसे करें:
- बच्चों की डाइट का ध्यान रखें। उन्हें खाने में सालेदार, तैलीय, मांसाहारी और हैवी फूड नहीं दें। मसालेदार हैवी फूड बच्चे की परेशानी को बढ़ा सकते हैं।
- बच्चों को सफेद चावल, दाल, डिब्बाबंद खाद्य पदार्थ, पेस्ट्री, केक, ऐल्कोहल, चॉकलेट्स से दूर रखें। ये सभी फूड बच्चों को बीमार बनाते हैं।
- डाइट में हरी पत्तेदार सब्जियां, ब्राउन राइस, खट्टे फल, मेवे, पपीता, नारियल पानी और इलायची दें। सूखे मेवे बच्चों को एनर्जी देंगे और हेल्दी रखेंगे।
- अगर बच्चे को हेपेटाइटिस की समस्या हो गई है, तो उसे ज्यादा से ज्यादा लिक्विड फूड दें।
- बच्चे को आराम कराएं, भाग-दौड़ और खेलने कूदने से मना करें।
- बच्चे को हेपेटाइटिस का टीका जरूर लगवाएं।