महिलाओं को अपनी सेहत का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। अच्छी सेहत से मतलब है बेस्ट डाइट और बेहतर लाइफस्टाइल से है। तनाव, खान-पान की खराबी और खराब लाइफस्टाइल महिलाओं को अनजाने में ही कई बीमारियों का शिकार बना देता है। महिलाओं को कुछ परेशानियां ऐसी होती हैं जिन्हें वो दूसरों के साथ शेयर करते में भी कतराती हैं। महिलाओं में ब्रेस्ट से मिल्क आना भी एक ऐसी परेशानी है जिसे वो दूसरों के साथ शेयर नहीं करती और ना ही उसका कुछ इलाज कराती।
प्रेग्नेंसी में या फिर ब्रेस्ट फीडिंग कराने वाली महिलाओं के ब्रेस्ट से मिल्क आना नॉर्मल है लेकिन कुछ महिलाएं ना प्रेग्नेंट होती और ना ही वो ब्रेस्ट फीडिंग कराती हैं फिर भी उनके ब्रेस्ट से मिल्क डिस्चार्ज होता है।
ब्रेस्ट से मिल्क डिस्चार्ज होना गैलेक्टोरिया के लक्षण हैं। कुछ महिलाएं ब्रेस्ट से आने वाले इस लिक्विड को कैंसर का लक्षण भी मान लेती हैं और उसी तनाव के साथ बीमारी को बढ़ने देती है। आप भी इस तरह की परेशानी से जूझ रही हैं तो इस बीमारी का कारण और लक्षण जानिए। इस बीमारी से बचाव कैसे कर सकते हैं।
गैलेक्टोरिया क्यों होता है: जिन महिलाओं के ब्रेस्ट से मिल्क या मिल्क जैसा कुछ पदार्थ निकलता है उसके लिए उसका सबसे बड़ा कारण प्रोलैक्टिन का उत्पादन है। प्रोलैक्टिन के अधिक उत्पादन के कारण ब्रेस्ट से मिल्क निकलता है। पिट्यूटरी ग्रंथि एक छोटी ग्रंथि है जो प्रोलैक्टिन सहित कई अन्य हार्मोन का निर्माण करती है। जब पिट्यूटरी ग्रंथि में किसी प्रकार की समस्या आती है तो उस स्थिति में महिलाओं को गैलेक्टोरिया की समस्या हो जाती है। कुछ लोग इस बीमारी को कैंसर से भी जोड़ कर देखते हैं।
गैलेक्टोरिया की परेशानी के लिए जिम्मेदार कारण: ब्रेस्ट या निप्पल में उत्तेजना होना, एंटीसाइकोटिक्स, एंटीडिपेंटेंट्स दवाओं का सेवन, हाई ब्लड प्रेशर की दवाओं का सेवन,किडनी की पुरानी बीमारी, सर्जरी या चोट के कारण, चेस्ट की नर्व का डैमेज होना, हार्मोन में बदलाव आना, रीढ़ की हड्डी की सर्जरी होना और खराब लाइफस्टाइल जिम्मेदार है।
गैलेक्टोरिया के लक्षण कौन-कौन से हैं: सिर में तेज दर्द होना, पीरियड्स में असमानता होना, निप्पल से सफेद या लाल लिक्विड निकलना, आंखों की रोशनी कम होना, ब्रेस्ट टिश्यू का बढ़ना, सेक्स करने की इच्छा न होना और चेहरे पर पिंपल्स होना इस बीमारी के मुख्य लक्षण हैं।
गैलेक्टोरिया की बीमारी का पता लगाने के लिए कौन-कौन से टेस्ट करा सकते हैं।
यादि आप भी गैलेक्टोरिया के लक्षण महसूस कर रही हैं तो सबसे पहले लाइफस्टाइल में बदलाव करें और कुछ टेस्ट की मदद से इस बीमारी के होने को कंफर्म करें। कुछ टेस्ट के जरिए आसानी से इस बीमारी का पता लगाया जा सकता है। इस बीमारी का पता लगाने के लिए प्रेगनेंसी टेस्ट, हार्मोनल टेस्ट, एम.आर.आई और मेमोग्राम या सोनोग्राफी करा सकते हैं। इन टेस्ट के जरिए बीमारी का असानी से पता चल जाता है।
इस बीमारी का बचाव कैसे करें
अगर आप किसी दवाई का सेवन कर रही हैं तो डॉक्टर की मदद से दवाई में बदलाव कराएं।
हॉर्मोन में उतार-चढ़ाव इस बीमारी का कारण है उसकी दवाई करें।
अपने प्रोलैक्टिन स्तर को कम करने के लिए दवाई का सेवन करें।