घर और ऑफिस की दोहरी जिंदगी को निभाते हुए महिलाएं अपनी सेहत को पूरी तरह अनदेखा कर देती हैं। सेहत के प्रति लापरवाही का ही नतीजा है कि मौजूदा दौर में ब्रेस्ट कैंसर के मामलों में इज़ाफ़ा हो रहा है। ब्रेस्ट कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिसके लिए खराब लाइफस्टाइल और खराब डाइट जिम्मेदार है। महिलाओं की बॉडी में ब्रेस्ट का काम टिश्यू से दूध बनाना होता है। ये टिश्यू सूक्ष्म वाहिनियों के जरिए निप्पल से जुड़े होते हैं। जब ब्रेस्ट के टिश्यू में गांठ बनती है, तब कैंसर बढ़ने लगता है।
ब्रेस्ट कैंसर के लक्षणों की अगर समय पर जांच कर ली जाए तो जान को बचाया जा सकता है। महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर एक भयावह बीमारी बन चुकी है। जिसका समय पर इलाज नहीं मिलने पर महिला की मौत भी हो सकती है। दरअसल कई बार महिलाओं को इसके शुरुआती लक्षण का पता नहीं चल पाते है और बाद में स्थिति खराब होने लगती है।
कैंसर विशेषज्ञों के अनुसार ब्रेस्ट कैंसर की 5 स्टेज होती हैं। जिसमें कैंसर की स्टेज बढ़ने के साथ -साथ स्थिति अधिक भयावह होने लगती है। ब्रेस्ट कैंसर की स्टेज बढ़ने पर मरीजों के दिमाग में सबसे पहला सवाल यही आता है कि क्या इस स्टेज में भी कैंसर का इलाज हो सकता है। एक्सपर्ट के मुताबिक कैंसर की पहली और दूसरी स्टेज में इलाज आसानी से किया जा सकता है लेकिन तीसरी स्टेज में कैंसर का इलाज करने में थोड़ी दिक्कत हो सकती है। आइए जानते हैं इस बीमारी के शुरुआती लक्षण कौन-कौन से हैं और इसका किस तरह इलाज किया जाए।
ब्रेस्ट कैंसर के शुरुआती लक्षण: (Early symptoms of breast cancer )
- स्तनों के पूरे हिस्से में सूजन आना।
- स्तनों में हर समय दर्द महसूस होना।
- स्तनों के साइज में ज्यादा बदलाव होना।
- स्तनों कि स्किन का लाल होना या चकते बनना।
- स्तनों के आस-पास किसी गांठ का महसूस होना।
क्या स्टेज 3 पर ब्रेस्ट कैंसर को किया जा सकता है ठीक (Is stage 3 breast cancer curable or not )
कैंसर विशेषज्ञों के अनुसार जब ब्रेस्ट कैंसर स्टेज 3 तक पहुंच जाता है तो उस समय महिलाओं में जटिलताएं बढ़ने लगती हैं और स्थिति गंभीर होने लगती है। इसके अलावा इस स्टेज में कैंसर फैलने भी लगता है और जिस कारण स्टेज 3 का इलाज कैंसर की पहली और दूसरी स्टेज से अधिक कठिन हो जाता है।
एक्सपर्ट के मुताबिक स्टेज 3 का इलाज संभव है। लेकिन कई बार यह मरीजों की हेल्थ कंडीशन पर भी निर्भर करता है। इसके अलावा स्टेज 3 का इलाज के समय मरीजों को अपनी सेहत का खास ख्याल रखने की जरूरत होती है। क्योंकि इस स्टेज पर आने के बाद कैंसर के दोबारा बढ़ने का जोखिम ज्यादा होता है।