Benefits of Ragi Flour:डायबिटीज और मोटापा दोनों ऐसी बीमारियां हैं जो एक साथ जुड़ी हुई है। मोटापा को कंट्रोल नहीं किया जाए तो उसके बढ़ने से सबसे ज्यादा रिस्क डायबिटीज की बीमारी का रहता है। अगर डायबिटीज को कंट्रोल नहीं किया जाए तो कई गंभीर बीमारियां जैसे दिल के रोग, किडनी और लंग्स को नुकसान पहुंच सकता है। मोटापा और डायबिटीज दोनों को कंट्रोल करने के लिए डाइट का अहम किरदार है।
हमारी डाइट में सबसे अहम फूड है रोटी जिसका हम दिन में तीन बार सेवन करते हैं। गेहूं का आटा वजन बढ़ाता है और डायबिटीज को भी बढ़ा सकता है। एक्सपर्ट के मुताबिक अगर आप रागी के आटे का सेवन करें तो डायबिटीज और मोटापा दोनों को आसानी से कंट्रोल किया जा सकता है।
कई रिसर्च में ये बात सामने आई है कि डायबिटीज के मरीज अगर रागी के आटे से बनी रोटी खाएंगे तो ब्लड शुगर कंट्रोल रहेगी। सर एच. एन. रिलायंस फाउंडेशन हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, मुंबई के सलाहकार, एंडोक्रिनोलॉजी, डॉ. डेविड चांडी के मुताबिक यह आटा सफेद चावल की तुलना में फाइबर, खनिज और अमीनो एसिड से भरपूर होता है जिससे डायबिटीज और मोटापा दोनों कंट्रोल रहते हैं। आइए जानते हैं कि रागी का आटा कैसे शुगर और वेट को कम करने में असरदार है।
रागी का आटा कैसे डायबिटीज के मरीजों के लिए अच्छा है? (Good for diabetes)
एक्सपर्ट के मुताबिक कई रिसर्च में ये बात सामने आई है कि शुगर के मरीजों के लिए रागी का आटा दवा की तरह असर करता है। सफेद चावल की तुलना में इस आटे में फाइबर, खनिज और अमीनो एसिड अधिक मौजूद होता है जो ब्लड शुगपर और कोलेस्ट्रॉल के स्तर में सुधार कर सकता है।
एक्सपर्ट के मुताबिक डायबिटीज के मरीज प्रसंस्कृत रागी (processed finger millet) से बचने की कोशिश करें। इस आटे का ग्लाइसेमिक इंडेक्स (Glycemic index) कम होता है लेकिन अगर आप प्रसंस्कृत रागी का सेवन करेंगे तो उसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स ज्यादा हो जाएगा जो ब्लड शुगर को बढ़ाने में असरदार है। डायबिटीज के मरीज सफेद चावल (white polished rice) का सेवन करने के बजाए रागी के आटे से बनी रोटी का सेवन करें।
वजन घटाने के लिए बेस्ट है ये आटा: (Ideal for weight loss)
जिन लोगों का वजन ज्यादा है वो गेंहू के आटे से बनी रोटी से परहेज करें और रागी के आटे की रोटी खाए। इस आटे से बनी रोटी वजन को कंट्रोल करती है। रागी से बनाया हुआ आटा ग्लूटन फ्री होता है इसलिए इसमें चीनी का लोड काफी कम होता है। फाइबर से भरपूर होने के कारण यह पेट में पचने में अधिक समय लेता है। इस आटे से बनी रोटी से पेट लम्बे समय तक भरा रहता है। इस आटे की रोटी का सेवन करने से खाना खाने की इच्छा कम होती है। ये रोटी अतिरिक्त कैलोरी का सेवन करने पर रोक लगाता है और वजन को कंट्रोल करती है।
रागी के आटे का कैसे सेवन करें:
आयरन, कैल्शियम और फाइबर से भरपूर रागी का सेवन आप खिचड़ी बनाकर कर सकते हैं। रागी का सेवन उसका आटा बनाकर रोटी, कचौड़ी और पूरी के रूप में कर सकते हैं। आप रागी के बिस्कुट भी खा सकते हैं।