डायबिटीज की वजह से किडनी को हो सकता है नुकसान, इंफेक्शन से लेकर फेल होने तक का खतरा, ऐसे करें बचाव
Diabetes effects on kidney: हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार 20 से 30 प्रतिशत डायबिटीज के मरीजों में किडनी रोग का खतरा होता है

Diabetes and Kidney Diseases: शरीर में जब पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन नहीं बन पाता है तो लोग डायबिटीज की परेशानी से पीड़ित हो जाते हैं। इंसुलिन हार्मोन ब्लड में शुगर या ग्लूकोज की मात्रा को नियंत्रित करता है। बता दें कि जब शरीर में ब्लड शुगर की मात्रा अनियंत्रित हो जाती है तब डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है। हाई ब्लड शुगर के मरीजों के शरीर के कई हिस्से इससे प्रभावित होते हैं। हेल्थ एक्सपर्ट्स डायबिटीज के मरीजों को किडनी से संबंधित जांच कराने की खास सलाह देते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि इन मरीजों को किडनी रोग का खतरा अधिक होता है। एक्सपर्ट्स के अनुसार 20 से 30 प्रतिशत डायबिटीज के मरीजों में किडनी रोग का खतरा होता है। ऐसे में आइए जानते हैं कि डायबिटीज किडनी पर कैसे करता है असर और क्या हैं बचाव के तरीके-
किडनी संक्रमण: डायबिटीज के मरीजों के शरीर में छोटे-छोटे ब्लड वेसल्स डैमेज हो जाते हैं। ऐसे में जब किडनी के ब्लड वेसल्स भी इससे प्रभावित होते हैं तो किडनी खून में मौजूद टॉक्सिन्स को बाहर निकालने में सक्षम नहीं रह जाती है। इसके कारण शरीर में पानी व नमक का स्तर भी बढ़ जाता है जिससे मोटापा का खतरा अधिक हो जाता है। इसके साथ ही डायबिटीज शरीर में मौजूद नसों को भी डैमेज करता है। इस कारण पेशाब करने में दिक्कत हो सकती है जिससे ब्लैडर पर दबाव हर समय बना रहता है। इस प्रेशर से किडनी इंजरी का खतरा अधिक होता है क्योंकि यूरिन अगर अधिक समय तक ब्लैडर में रहे तो इससे किडनी में संक्रमण यानि कि इंफेक्शन का खतरा रहता है।
किडनी फेलियर: डायबिटीज के मरीजों में यूरिन के मार्ग में एल्ब्यूमिन प्रोटीन का रिसाव होने लगता है। किडनी फेलियर क्रॉनिक किडनी डिजीज का अंतिम चरण माना जाता है जो डायबिटीज के गंभीर मामलों में मरीजों को अपना शिकार बना सकती है। ऐसे में एक्सपर्ट्स मधुमेह के मरीजों को साल में कम से कम एक बार ब्लड यूरिन टेस्ट कराने की सलाह देते हैं। किडनी फेलियर के आम लक्षणों में चक्कर आना, भूख कम लगना, थकान में अधिकता, वजन में कमी आना, मांसपेशियों में दर्द और खून की कमी शामिल हैं।
ऐसे करें बचाव: मधुमेह के मरीजों को अपना ब्लड शुगर व ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रखना चाहिए ताकि किडनी अधिक समय तक हेल्दी रहे। हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार उन दवाइयों का सेवन बंद कर दें जिससे किडनी को नुकसान होने का खतरा अधिक रहे। किडनी फेलियर की स्थिति तब ही उत्पन्न होती है जब किडनी सिर्फ 10 से 15 प्रतिशत ही कार्य कर पाती है। ऐसे में इससे बचाव हेतु विशेषज्ञ रेनल डायबिटिक डाइट लेने की सलाह देते हैं। सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार किडनी को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी है कि मरीज अपनी डाइट में सोडियम की मात्रा कम करें। फॉस्फोरस और पोटैशियम युक्त भोजन का अधिक सेवन भी हानिकारक माना जाता है।
Hindi News के लिए हमारे साथ फेसबुक, ट्विटर, लिंक्डइन, टेलीग्राम पर जुड़ें और डाउनलोड करें Hindi News App। Online game में रुचि है तो यहां क्लिक कर सकते हैं।