अगर आर्टिफिशियल स्वीटनर का करते हैं सेवन तो हो जाएं एलर्ट, जानें ये अहम बातें
ऐसा जरूरी नहीं है कि आर्टिफिशियल स्वीटनर का सेवन करना स्वास्थ्य के लिए लाभकारी साबित हो ही। कई लोग साधारण चीनी का सेवन करने के बजाय आर्टिफिशयल स्वीटनर का इस्तेमाल करना पसंद करता है।

कुछ लोग जो चीनी से बचने की कोशिश कर रहे हैं, उन्हें आर्टिफिशियल स्वीटनर एक बेहतर विकल्प लगता है, हाल ही में एक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि आर्टिफिशियल स्वीटनर लेना एक अच्छा विचार नहीं है। स्वास्थ्य और जीवन की गुणवत्ता के बारे में बढ़ती चिंताओं ने लोगों को स्वस्थ जीवनशैली को अपनाने और मोटापे और अन्य गैर-संचारी रोगों से बचाव के लिए चीनी, नमक या वसा से भरपूर भोजन के सेवन से बचने के लिए प्रोत्साहित किया है। अध्ययन के अनुसार, चूंकि आजकल लोग कैलोरी का सेवन कम करना चाहते हैं इसलिए नॉन-शुगर स्वीटनर्स युक्त खाद्य पदार्थों की खपत में वृद्धि हुई है जबकि साधारण शुगर युक्त फूड्स का सेवन कम हो गया है।
लेकिन डायट कोक और अन्य पेय पदार्थ में उपयोग किए जाने वाले चीनी के जगह आर्टिफिशियल स्वीटनर का इस्तेमाल वजन घटाने में किसी प्रकार का कोई मदद नहीं करता है और उनके प्रभाव भी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं, रिव्यू में कहा गया है। इसलिए यदि आपको लगता है कि आर्टिफिशियल स्वीटनर का सेवन करना लाभकारी होता है, तो ऐसा बिल्कुल भी नहीं है।
आर्टिफिशियल स्वीटनर स्वास्थ्य पर लंबे समय तक प्रभाव डालता है। इस कॉम्प्रीहेंसिव सिस्टेमैटिक रिव्यू में, सामान्य रूप से स्वस्थ लोगों द्वारा खाए जाने वाले नॉन-शुगर स्वीटनर फूड के साथ संभावित संबंध को निर्धारित करने के लिए स्वास्थ्य परिणामों की पूरी रेंज पर अध्ययन किया गया था।
विभिन्न प्रकार के स्वीटनर, मेजरिंग वेट, रक्त शर्करा (ग्लाइसेमिक) नियंत्रण, ओरल हेल्थ, कैंसर, हृदय रोग, गुर्दे की बीमारी, मूड और उपभोक्ताओं में व्यवहार को देखने के लिए इस अध्ययन की स्थापना की गई थी। द गार्डियन की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि जो बच्चे और व्यस्क आर्टिफिशियल स्वीटनर का अधिक डोज लेते हैं उनमें वजन कम और स्वास्थ्य लाभ में किसी प्रकार का कोई अंतर नहीं रहता है।