International Epilepsy Day 2020: ट्रीटमेंट गैप हटाने से नहीं पड़ेंगे मिर्गी के दौरे, जानिए क्या है मिर्गी का इलाज
International Epilepsy Day 2020, 10 January 2020, Treatment, Symptoms, Myth, Theme: मिर्गी के दौरे के समय व्यक्ति का दिमागी संतुलन पूरी तरह से गड़बड़ा जाता है और उसका शरीर लड़खड़ाने लगता है। ऐसे में इस बीमारी से कैसे करें बचाव ये जानना जरूरी है-

International Epilepsy Day 2020, 10 January 2020, Epilepsy Treatment, Symptoms, Myth, Theme: एनसीबीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार दुनिया में लगभग 50 मिलियन लोग मिर्गी से पीड़ित हैं जिनमें से तकरीबन 10 मिलियन लोग भारतीय हैं। मिर्गी यानि कि एपिलेप्सी एक न्यूरोलॉजिकल डिसॉर्डर है जिसमें मस्तिषक में किसी गड़बड़ी के कारण लोगों को दौरे (Seizures) पड़ते हैं। यह बीमारी पुरुष और महिलाओं दोनों में ही देखने को मिलते हैं, साथ ही ये किसी भी उम्र के लोगों को अपना शिकार बना सकती है। WHO के अनुसार सही इलाज से मिर्गी के 70 प्रतिशत रोगियों में दौरा पड़ने से रोका जा सकता है।
क्या है ट्रीटमेंट गैप: WHO की मानें तो मिर्गी का इलाज बेहद सस्ता और आसान है। कई विकासशील देशों में एंटीसीजर मेडिसिन का इस्तेमाल किया जाता है। पर लो इनकम वाले देशों में अब तक ये दवाइयां नहीं पहुंच पाई हैं। इन देशों के लगभग तीन-चौथाई लोगों के पास अब तक मिर्गी का कोई इलाज नहीं है, इसे ही विश्व स्वास्थ्य संगठन ने ‘ट्रीटमेंट गैप’ कहा है। एक हालिया स्टडी के मुताबिक लो और मध्य इनकम वाले देशों में 50 प्रतिशत से भी कम लोगों तक ये एंटीसीजर दवाइयां पहुंच पाईं हैं।
क्यों होती है मिर्गी: मिर्गी एक सेंट्रल नर्वस सिस्टम से जुड़ा डिसॉर्डर है जिसमें ब्रेन की एक्टिविटी असामान्य हो जाती है। एपिलेप्सी होने के कई कारण हो सकते हैं, कई लोगों को यह बीमारी माथे में गंभीर चोट लगने की वजह से हो सकती है। वहीं, कुछ मामलों में ये जेनेटिक भी होता है यानि कि अगर आपके परिवार में कोई मिर्गी से पीड़ित है तो बाकियों में भी इसके होने की संभावना बढ़ जाती है। मायो क्लिनिक की एक रिपोर्ट के अनुसार 35 साल से अधिक उम्र के लोगों में मिर्गी होने की सबसे बड़ी वजह स्ट्रोक है। जन्म से पहले हुई जटिलताएं जैसे कि पोषण और ऑक्सीजन की कमी, मां की खराब सेहत की वजह से भी बच्चे मिर्गी के शिकार होते हैं। इसके अलावा ऑटिज्म और न्यूरोफाइब्रोमेटॉसिस से पीड़ित लोगों को भी ये बीमारी घेर सकती है।
एटकिंस डाइट है फायदेमंद: माय उपचार की एक रिपोर्ट के अनुसार अमरीका की जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी में कीटोजेनिक डाइट में कुछ बदलाव करके एक ऐसी डाइट को तैयार किया गया है जिसमें कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम थी और फैट की मात्रा अधिक। इसे एटकिंस डाइट (Atkins Diet) का नाम दिया गया। हाल ही में किए गए शोध में ये बात साबित हुई है कि मिर्गी से पीड़ित जिन लोगों ने इस डाइट का इस्तेमाल किया उनमें मिर्गी के दौरे पड़ने आधे से कम हो गए।
एपिलेप्सी और एक्सरसाइज: एपिलेप्सी सोसाइटी की एक खबर के मुताबिक मिर्गी के मरीज दूसरों की तुलना में कम एक्सरसाइज करते हैं जबकि कई जेंटल एक्सरसाइज ही उनके लिए काफी फायदेमंद हो सकते हैं। कुछ देर टहलने से आप अच्छा महसूस करेंगे, इसके अलावा लोग साइक्लिंग भी कर सकते हैं। वहीं, सीजर की आशंका की वजह से व्यायाम नहीं करने वाले लोग कोई टीम स्पोर्ट्स खेल सकते हैं।