यूरिक एसिड को कंट्रोल करने में कई तरह की दवाइयां और इलाज हैं, लेकिन इसको जड़ से खत्म करने में एक घरेलू मसाला का भी उपयोग किया जाता है। अगर उसका नियमित रूप से और सही मात्रा में उपयोग किया जाए तो यह रामबाण का काम करता है। काली मिर्च का तेल गठिया और जोड़ों के दर्द से निजात दिलाता है। यह ब्लड सर्कुलेशन में सुधार करता है और वात रोग और संधिपात के दर्द से राहत देता है।
काली मिर्च के तेल में यूरिन बढ़ाने और पसीना निकालने का गुण होता है। यह पसीने और यूरिन के माध्यम से शरीर में मौजूद जहरीले पदार्थों को बाहर निकालने में शरीर की मदद करता है। यह शरीर से अतिरिक्त चर्बी और पानी को खत्म करने में भी मदद करता है। यह सूजन को कम करने में भी सहायता करता है।
शरीर में हाई यूरिक एसिड को कंट्रोल में रखना बहुत ज़रूरी है। यूरिक एसिड रक्त में पाया जाने वाला एक अनुपयोगी पदार्थ है। यह तब बनता है जब शरीर प्यूरीन नामक रसायनों को तोड़ता है। अधिकांश यूरिक एसिड रक्त में घुल जाता है। यह किडनी से होकर गुजरता है और शरीर को यूरिन के माध्यम से छोड़ देता है। प्यूरीन से भरपूर खाद्य और पेय पदार्थ यूरिक एसिड के स्तर को बढ़ाते हैं।
काली मिर्च के अन्य गुणों में साइनसाइटिस और नाक में कफ की समस्या को दूर करना भी है। इसके लिए काली मिर्च का तेल एक उत्कृष्ट उपाय है। यह श्वसन तंत्र में मौजूद कफ और बलगम को घोलकर तुरंत राहत देता है। इसके अलावा काली मिर्च में मौजूद पिपेरिन कई तरह के कैंसर से बचाने में सहायक होता है। पिपेरिन आंतों में कई पोषक तत्वों के अवशोषण को बढ़ाता है। ये पोषक तत्व कैंसर की रोकथाम में भी सहायक होते हैं।
इसके तेल में कार्मिनेटिव गुण भी होते हैं। यह न केवल आपके पेट और आंत में गैस को निकालने में मदद करता है बल्कि अतिरिक्त गैस के उत्पादन को भी रोकता है। यह गैस पैदा करने वाले बैक्टीरिया के विकास को रोकता है। इसकी बाहरी परत में एक यौगिक होता है जो वसा कोशिका के टूटने को ट्रिगर करता है जिससे यह शरीर के फैट्स को कम करने में तेजी से मदद करता है।