अधिक उम्र के लोग ब्लड शुगर कैसे करें नियंत्रित? जानें बुजुर्गों में डायबिटीज का खतरा कम करने के टिप्स
Tips to control diabetes: ज्यादातर मामलों में अगर कोई व्यक्ति फिजिकल एक्टिविटी सक्रिय रूप से करते हैं, तो मधुमेह रोग के प्रभाव को कम करते हैं

How to avoid diabetes risk in elder people: उम्र बढ़ने के साथ कई बीमारियों से घिरने का खतरा अधिक होता है। डायबिटीज भी एक ऐसी ही बीमारी है जो कई बार क्रॉनिक स्थिति बन सकती है। मधुमेह बीमारी को जड़ से खत्म करना तो मुश्किल है लेकिन ब्लड शुगर के स्तर पर काबू रखने से इसके प्रभाव को कम करना आसान होता है। इस बीमारी में रक्त शर्करा का स्तर जितना संतुलित रहेगा, लोगों की परेशानियां उतनी कम होंगी। हालांकि, बढ़ती उम्र में इसे नियंत्रित कर पाना आसान नहीं है। साथ ही, उनमें डायबिटीज के कारण होने वाली समस्याओं का असर भी गंभीर होता है। ऐसे में आइए जानते हैं कि किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है।
क्यों होती हैं ज्यादा दिक्कतें: बुजुर्गों के लिए इस उम्र में शारीरिक गतिविधियां उतनी सहजता से कर पाना मुश्किल हो सकता है। इस कारण ब्लड शुगर पर कंट्रोल करना आसान नहीं होता है। इसके अलावा, अधिक उम्र में लोग कई अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से भी पीड़ित हो जाते हैं, जिससे उनकी डाइट में भी कई खाद्य पदार्थ का सेवन वर्जित होती हैं। वहीं, इस आयु वर्ग के लोगों को इंसुलिन व अन्य दवाइयां देते समय डॉक्टर्स को कोताही बरतनी चाहिए।
बुजुर्गों में ब्लड शुगर कैसे करें नियंत्रित: अधिक उम्र के लोग अगर लंबे समय से डायबिटीज से पीड़ित होते हैं तो इससे दिल व किडनी संबंधी रोग का जोखिम होता है। साथ ही, डायबिटीज की अन्य जटिलताएं भी भी लोगों को अपनी चपेट में ले लेती है। ऐसे में एक्सपर्ट्स का मानना है कि कुछ दवाइयों के सेवन से डायबिटीज तो कंट्रोल किया जा ही सकता है। साथ ही, हृदय व किडनी को भी सुरक्षित रखता है।
जीवन शैली में लाएं ये बदलाव: ज्यादातर मामलों में अगर कोई व्यक्ति फिजिकल एक्टिविटी सक्रिय रूप से करते हैं, तो मधुमेह रोग के प्रभाव को कम करते हैं। मरीज की वर्तमान स्थिति को देखते हुए उन्हें किसी एक्सरसाइज करने की सलाह दी जा सकती है। आसान गतिविधियां जैसे कि 30 से 40 मिनट तक टहलना, फ्रीहैंड एक्सरसाइज, एयरोबिक्स, स्विमिंग जैसी चीजें कर सकते हैं। साथ ही, डायबिटीज नियंत्रण में पर्याप्त नींद भी जरूरी है, ऐसे में कम से 6.5-7.5 घंटे की नींद अवश्य लें। वहीं, खाने-पीने का समय भी फिक्स करें।