Heart Attack Causes: पिछले काफी समय से हार्ट अटैक के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। कम उम्र में ही लोगों को दिल का दौरा पड़ जाता है। बाहर से फिट रहने वाले लोगों को भी दिल की बीमारियां हो रही हैं। अचानक कार्डियक अरेस्ट और हार्ट अटैक और मौके पर ही मौत। डॉक्टरों का कहना है कि गैर संचारी रोगों (Non communicable diseases) में हृदय रोग कैंसर के बाद मृत्यु का दूसरा प्रमुख कारण है। दिल की बीमारियों का मुख्य कारण गलत खान-पान और खराब जीवनशैली है। गलत खान-पान के कारण शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल बढ़ रहा है, जिससे हृदय की धमनियां ब्लॉक हो जाती हैं।
डॉक्टरों के मुताबिक दिल की नसों में ब्लॉकेज होने को हार्ट ब्लॉकेज कहते हैं। यह समस्या हृदय की धमनियों में खराब कोलेस्ट्रॉल के जमा होने के कारण होती है। इन नसों की रुकावट हृदय को रक्त को ठीक से पंप करने से रोकती है, जिससे दौरा पड़ता है। खराब कोलेस्ट्रॉल बढ़ने का सबसे बड़ा कारण गलत खान-पान और खराब जीवनशैली है।
हृदय की विद्युत प्रणाली (electrical system of the heart) में दोष के कारण हृदय की कार्यप्रणाली भी प्रभावित होती है। इस स्थिति में दिल अचानक काम करना बंद कर देता है। इसे कार्डियक अरेस्ट कहते हैं। कार्डिएक अरेस्ट हार्ट अटैक से ज्यादा खतरनाक है। इसमें मरीज की चंद सेकंड में ही मौत हो जाती है।
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ये लक्षण तब होते हैं जब दिल की नसें ब्लॉक हो जाती हैं
साओल हार्ट सेंटर के जरनल फिजीशियन डॉक्टर बिमल छज्जर (Dr Bimal Chhajer) के मुताबिक दिल की नसों में ब्लॉकेज के लक्षण लोगों को आसानी से पता नहीं चलते, लेकिन इस पर ध्यान देना जरूरी है। जिन लोगों को हाई बीपी, मोटापा, डायबिटीज या पहले से कोई दिल की बीमारी है उन्हें हार्ट अटैक का खतरा काफी ज्यादा होता है। ऐसे लोगों को दिल की सेहत का खास ख्याल रखना चाहिए।
इन लक्षणों से सावधान रहें
छाती में दर्द
हाथ या पैर में सूजन
बछड़े में लगातार दर्द होना
अचानक थकान
इस तरह खुद को रखें सुरक्षित
डॉक्टर बिमल छज्जर के मुताबिक, दिल की नसों में ब्लॉकेज न हो इसके लिए कई बातों का ध्यान रखना चाहिए। सबसे पहले आप अपना खान-पान सही करें। बाहर का खाना न खाएं। खाने में पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन और विटामिन शामिल करें। कार्बोहाइड्रेट और वसा को कम से कम रखें। मैदा, नमक और चीनी से दूर रहें। जिन लोगों को पहले से ही लाइफस्टाइल की बीमारी है, उनके लिए रोजाना अपना बीपी और शुगर लेवल चेक करना जरूरी है। मोटापे को नियंत्रण में रखने के लिए व्यायाम करें। अपनी दवाएं नियमित रूप से लें।