Avoid Cucumber With Meal: खीरा एक ऐसा फल है जिसमें भरपूर मात्रा में पानी पाया जाता है। खीरे खाने की सलाह अक्सर उन लोगों को दी जाती है जो वजन घटाने के लिए प्रयासरत रहते हैं। फाइबर से भरपूर खीरा लंबे समय तक पेट को भरा हुआ रखता है। सब्जियों की दुकानों पर आसानी से उपलब्ध खीरा, प्रकृति में ठंडा होता है। खीरा अक्सर भोजन के साथ खाया जाता है। लेकिन, एक्सपर्ट का मानना है कि लंच या डिनर के साथ खीरा नहीं खाना चाहिए। लेकिन क्यों?
आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ अलका विजयन ने हाल ही में इंस्टाग्राम के एक पोस्ट में बताया कि वह भोजन के साथ खीरा नहीं खाती हैं और न ही वह अपने मरीजों को इसकी सलाह देती हैं। डॉक्टर अलका का कहना है कि मैं पके हुए खाने के साथ कच्चा खीरा खाना पसंद नहीं करती। न ही मैं इसे अपने पेशेंट को खाने का सुझाव देती हूं, भले ही वे सभी क्यों न वजन घटाने के लिए इस विकल्प की तलाश कर रहे हों।
क्यों नहीं लंच और डिनर के साथ खाना चाहिए खीरा?
डॉक्टर अलका ने इसका कारण बताते हुए कहा कि जब कच्चे और बिना पके हुए खीरे को पके हुए भोजन के साथ मिला दिया जाता है तो इससे पाचन प्रक्रिया में देरी होती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि शरीर द्वारा पके और कच्चे खाद्य पदार्थों को पचाने में लगने वाला समय अलग-अलग होता है, क्योंकि पका हुआ भोजन पहले से ही गर्म होने के कारण एक बदलाव से गुजर चुका होता है जिससे अमा नामक प्रो-इंफ्लेमेटरी उत्पादों का निर्माण होता है। अमा (Ama means toxin or undigested metabolic waste), जो हमारे शरीर में दर्द का कारक है, लंबे समय में सूजन की स्थिति का कारण भी बनता है।
आहार विशेषज्ञ, स्वाति बथवाल ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में बताया कि खीरा वजन घटाने के लिए अच्छा फूड है, क्योंकि यह पानी की मात्रा से भरपूर होता है। खीरे में मौजूद बीज कब्ज को रोकने में मदद करते हैं। वहीं फाइबर और पानी दोनों ही खाने की अधिक इच्छा को रोकने में मदद करते हैं। हालांकि भोजन के साथ खीरा खाने से कुछ लोगों को कुकुर्बिटासिन (Class of Biochemical Compounds) नामक यौगिक के कारण अपच हो सकता है। इसके अलावा खीरे को अच्छी तरह से धो लेने के बाद हमेशा छिलके सहित ही खाना चाहिए।
अर्बन प्लैटर की पोषण विशेषज्ञ रीमा किंजलकर के अनुसार, कुकुर्बिटासिन कड़वा स्वाद प्रदान करता है। कमजोर पाचन स्वास्थ्य वाले कुछ लोगों को इस यौगिक के कारण खीरे को पचाने में मुश्किल हो सकती है, क्योंकि यह गैस और पेट फूलने जैसी अपच की समस्याओं को पैदा करने के लिए जाना जाता है।
डॉक्टर रीमा ने बताया कि “कुकुर्बिटासिन खीरे के दोनों सिरों यानि की ऊपर और नीचे की तरफ अधिक मात्रा में पाया जाता है। यह खीरे में इसलिए उत्पन्न होता है कि इस खाए जाने से सुरक्षित रखा जा सके, यह खीरे का इम्यून सिस्टम के जैसा होता है। इसे हटाने के लिए सिरों को रगड़ने और नमक छिड़कने से कुकुर्बिटासिन युक्त सफेद दूधिया रंग का चिपचिपा पदार्थ निकलता है। इस विधि से आप खीरे के बाकी हिस्सों में कुकुर्बिटासिन के फैलने की संभावना को सीमित कर देते हैं।”