Diabetes: अगर परिवार में हो किसी को डायबिटीज़ तो हो जाएं सावधान! इन चीजों का ख़्याल रखना जरूरी
Diabetes: अमेरिकन डायबिटीज़ एसोसिएशन के मुताबिक, अगर कोई पुरुष टाइप 1 डायबिटीज़ से ग्रस्त है तो आपके बच्चे को मधुमेह होने का खतरा 17 में से 1 है।

Diabetes: कई बीमारियां ऐसी होती हैं जो माता पिता से बच्चों और इसी तरह से पीढ़ी दर पीढ़ी चलती रहती हैं। डायबिटीज़ भी इसी तरह की एक बीमारी है। लेकिन ऐसा नहीं कि जिन माता- पिता को डायबिटीज़ हो उनके बच्चों को यह बीमारी अवश्य ही होगी। हां, ये जरूर है कि संभावना कई गुना बढ़ जाती है। डायबिटीज़ के दो प्रकारों, टाइप 1 डायबिटीज़ और टाइप 2 डायबिटीज़, दोनों पर ही आनुवांशिकता का असर अलग- अलग होता है।
टाइप 1 डायबिटीज़- इस तरह के मधुमेह में पैंक्रियाज की बीटा कोशिकाएं पूरी तरह से नष्ट हो जाती हैं और इंसुलिन बनना या तो बेहद कम हो जाता है या बंद हो जाता है। अमेरिकन डायबिटीज़ एसोसिएशन के मुताबिक, अगर कोई पुरुष टाइप 1 डायबिटीज़ से ग्रस्त है तो उसके बच्चे को मधुमेह होने का खतरा 17 में से 1 है।
वहीं अगर कोई महिला टाइप 1 डायबिटीज़ से ग्रस्त है और उसका बच्चा 25 की उम्र के पहले जन्मा है तो बच्चे को मधुमेह होने का खतरा 25 में 1 है। अगर बच्चा 25 की उम्र के बाद जन्मा है तो यह खतरा कम होकर 100 में से 1 प्रतिशत रह जाता है। अगर दोनों की पार्टनर्स को टाइप 1 डायबिटीज़ है तो बच्चे में यह खतरा 10 में से 1 और 4 में से 1 होता है।
टाइप 2 डायबिटीज़- टाइप 2 मधुमेह से ग्रस्त लोगों का ब्लड शुगर बहुत बढ़ जाता है। शरीर इंसुलिन का सही इस्तेमाल नहीं कर पाता और कई दिक्कतें होने लगती हैं। अमेरिकन डायबिटीज़ एसोसिएशन के ही मुताबिक, टाइप 1 से ज़्यादा टाइप 1 डायबिटीज़ आनुवांशिक तरीकों से होता है। यह पीढ़ी दर पीढ़ी चलता है। लेकिन अगर सही लाइफस्टाइल अपनाई जाए तो आनुवांशिक मधुमेह को रोका जा सकता है।
ऐसे बचें आनुवांशिक मधुमेह से (Tips To Prevent Diabetes) –
खान पान के लिए एक नियमित रूटीन बनाएं- इसका सबसे अच्छा तरीका है कि आप बाहर खाने के बजाए घर पर अपना खाना खुद बनाएं। खाने में सभी तरह की फल सब्जियों को शामिल करें। कार्बोहाइड्रेट्स और शुगर का ज़्यादा इस्तेमाल न करें। सूखे मेवे, साबुत अनाज, मौसमी फलों की आदत डालें।
नियमित करें व्यायाम- शरीर के लिए व्यायाम करना बहुत जरूरी है। यह हमें कई बीमारियों से बचाता है। अपने डेली रूटीन में व्यायाम को शामिल करें और रोजाना कुछ देर व्यायाम करें।