COVID-19: पुलिस जिप्सी में हुई महिला की डिलिवरी, पुलिसकर्मियों ने बढ़ाया मदद का हाथ
Coronavirus Symptoms, Prevention, Precautions: मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मंगलवार को गुजरात के जामनगर जिले में एक 14 महीने के बच्चे की कोरोना वायरस से मौत हो गई। डॉक्टरों ने बताया कि बच्चे को बेहद गंभीर स्थिति में अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

Coronavirus: बाकी देशों की तरह भारत में भी कोरोना वायरस के केस बढ़ते जा रहे हैं। वर्ल्ड मीटर की रिपोर्ट के मुताबित, भारत में अब तक कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर करीब 6,000 हो गई है, जिनमें से 166 लोगों की मौत हो चुकी है। लेकिन एक राहत की बात यह है कि 472 कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज ठीक होकर घर जा चुके हैं। कोरोना वायरस के बढ़ते केस को देखते हुए भारत सरकार ने 21 दिन का लॉकडाउन कर दिया है। WHO, डॉक्टर और विशेषज्ञ इस वायरस से बचने के लिए कई अलग-अलग सलाह दे रहे हैं और लोग उनका पालन भी कर रहे हैं। देशभर में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 15 लाख से भी ज्यादा हो चुकी है, जिनमें से 88 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
रिपोर्ट्स के अनुसार, दिल्ली के कोटला मुबारकपुर इलाके स्थित लेबर कैंप में मंगलवार रात महिला को प्रसव पीड़ा हुई। घरवालों ने फोन करके एंबुलेंस बुलवाना चाहा लेकिन ऐसा नहीं हो सका। ऐसे मौके पर पहुंचे कुछ पुलिसकर्मियों ने मदद का हाथ बढ़ाया। पुलिस ने अगल बगल की महिलाओं को बुलवाया और उनकी मदद से पुलिस जिप्सी में ही डिलिवरी कराई।
कोरोना महामारी की वजह से इंदौर को पूरी तरह से सील कर दिया गया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, प्रदेश में पहली बार किसी डॉक्टर की मौत कोरोना की वजह से हुई है। डॉक्टर की मौत के बाद इंदौर में स्वास्थ्यकर्मी और एहतियात बरत रहे हैं। कोरोना पीड़ितों के इलाज में लगे डॉक्टर और नर्सिंग स्टॉफों का प्रशासन विशेष ख्याल रख रही है। बताया जा रहा है कि कोरोना मरीजों के इलाज के दौरान ही वह संक्रमित हुए।
जलंधर के गांव झीका में एक 70 वर्षीय बुजुर्ग कोरोना वायरस के संक्रमण से ठीक हो चुके हैं। जनसत्ता से बातचीत में उन्होंने बताया कि वह अपने 17 दिनों के इलाज के दौरान स्थिर रहे और लगातार डॉक्टरों के परामर्श अनुसार इलाज कराते रहें। उन्होंने यह भी बताया कि डॉक्टरों ने गर्म पानी पीने, ताजे फलों का सेवन और लगातार भाप लेने की सलाह दी थी, जिसका पूरी ईमानदारी से पालन किया और फिर 14 दिन बाद मेरी जांच रिपोर्ट नेगेटिव आई।
ब्राजीली राष्ट्रपति जेर बोलसोनारो ने सात अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कोरोना वायरस के विषय पर बात की थी। उसी दिन भारत की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि जिन देशों को इस दवाई की सख्त जरूरत है और जहां कोरोना वायरस के मामलों का असर काफी ज्यादा है वहां कुछ निश्चित दवाइयों की सप्लाई की जाएगी। इसके बाद ब्राजीली राष्ट्रपति ने कहा कि संकट के इस समय में जिस तरह भारत ने ब्राजील की मदद की है, वह बिल्कुल वैसा ही है जैसा रामायण में हनुमान जी ने राम के भाई लक्ष्मण की जान बचाने के लिए संजीवनी लाकर किया था।
इसी बीच एक खबर आई कि मंगलवार को गुजरात के जामनगर जिले में एक 14 महीने के बच्चे की कोरोना वायरस से मौत हो गई। डॉक्टरों ने बताया कि बच्चे को बेहद गंभीर स्थिति में अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जिसके बाद उसके शरीर के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था। हालांकि बच्चे को वेंटिलेटर पर रखा गया था, लेकिन डॉक्टर उसे बचाने में असफल रहें। गुजरात में कोरोना वायरस से संक्रमित यह शिशु सबसे कम उम्र का मरीज था।
प्रेग्नेंट महिलाएं इन बातों का जरूर ध्यान रखें:
– हर थोड़ी देर पर अपने हाथों को साबुन या सैनिटाइजर से धोते रहें।
– चेहरे को बार-बार हाथ ना लगाएं।
– संक्रमित व्यक्ति से कम से कम 3 फीट की दूरी बनाएं रखें।
– खांसते या छींकते वक्त टिश्यू या रुमाल का जरूर इस्तेमाल करें।
– इतना ही नहीं, प्रेग्नेंट महिलाओं को पर्याप्त आराम लेना भी जरूरी है। साथ ही साथ, पूरे दिन में कम से कम 2.5 से 3 लीटर पानी अवश्य पिएं।
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Highlights
- विटामिन-बी6 से बढ़ती है इम्यूनिटी- विटामिन-सी - विटामिन-ई
– जो लोग बीमार हैं, उनसे कम से कम 6 फीट की दूरी पर रहें। – अपनी आँखें, नाक या मुँह बार-बार मत छुएं। – कम से कम 20 सेकंड के लिए अपने हाथों को साबुन और पानी से धोएं या हैंड सैनिटाइज़र का उपयोग करें जिसमें कम से कम 60% अल्कोहल मौजूद हो। – खांसी और छींक आने पर टिशू पेपर का इस्तेमाल करें, फिर टिशू को तुरंत फेंक दें। – घर में रखी चीजों को हमेशा सैनिटाइज करते रहें।
जनसत्ता के मुताबकि, डॉ. प्रशांत छाजेड़ ने कहा, “पहला और सबसे महत्वपूर्ण यह है कि अस्थमा से पीड़ित लोग अपने पर्चे के अनुसार अपनी दवा लेते रहें। मैं उन्हें भीड़-भाड़ वाले इलाकों से दूर रहने, घर के अंदर रहने और सोशल डिस्टेंसिंस करने की सलाह देना चाहूंगा।”
कोरोनो वायरस संक्रमण एक रेस्पिरेटरी वायरस है जो नाक, गले और फेफड़ों को प्रभावित करता है। यही वजह है कि जिन लोगों को पहले से ही अस्थमा की शिकायत है, उनको इस वायरस से अधिक खतरा है। डॉ. प्रशांत छाजेड़, निदेशक, लंग केयर एंड स्लीप सेंटर, मुंबई ने कहा, “अगर अस्थमा के मरीज इस वायरस से संक्रमित होते हैं, तो यह उनकी समस्या को और बढ़ा सकता है।”
रिपोर्ट्स के अनुसार, दिल्ली के कोटला मुबारकपुर इलाके स्थित लेबर कैंप में मंगलवार रात महिला को प्रसव पीड़ा हुई। घरवालों ने फोन करके एंबुलेंस बुलवाना चाहा लेकिन ऐसा नहीं हो सका। ऐसे मौके पर पहुंचे कुछ पुलिसकर्मियों ने मदद का हाथ बढ़ाया। पुलिस ने अगल बगल की महिलाओं को बुलवाया और उनकी मदद से पुलिस जिप्सी में ही डिलिवरी कराई।
बिहार में कोरोनावायरस पीड़ितों की संख्या बढ़ी है। गुरुवार को राज्य में 12 लोगों की टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसमें सीवान के 10 लोग शामिल हैं। यह सभी एक ही परिवार के बताए गए हैं। बिहार के प्रमुख स्वास्थ्य सचिव संजय कुमार ने बताया कि राज्य में अब कुल 51 लोग कोरोना से संक्रमित हैं।
WHO के अनुसार, हैंड सैनिटाइज़र्स कोरोना वायरस को मारने में कारगर नहीं है। इसके बजाय आप हर थोड़ समय में अपने हाथों को साबुन और पानी से साफ करें और अपने हाथों को साफ तौलिए से अच्छी तरह सुखाएं।
कोरोना महामारी की वजह से इंदौर को पूरी तरह से सील कर दिया गया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, प्रदेश में पहली बार किसी डॉक्टर की मौत कोरोना की वजह से हुई है। डॉक्टर की मौत के बाद इंदौर में स्वास्थ्यकर्मी और एहतियात बरत रहे हैं। कोरोना पीड़ितों के इलाज में लगे डॉक्टर और नर्सिंग स्टॉफों का प्रशासन विशेष ख्याल रख रही है। बताया जा रहा है कि कोरोना मरीजों के इलाज के दौरान ही वह संक्रमित हुए।
WHO भीड़भाड़ वाली जगह में खुद को सुरक्षित रखने के लिए मास्क पहनने की सलाह देता है। लेकिन इससे भी ज्यादा जरूरी है अपने हाथों को साफ रखना और बार-बार सैनिटाइज करते रहना। साथ ही साथ, हाथों को अपने चेहरे से दूर रखना भी जरूरी है। वहीं, मास्क को इस तरह पहनना चाहिए जिससे कि आपकी नाक, मुंह और दाढ़ी का हिस्सा उससे ढका रहे। उतारते वक्त भी मास्क का फीता पकड़ कर निकालना चाहिए, मास्क नहीं छूना चाहिए।
– हाथ ना मिलाएं। अगर मिलाएं भी तो तुरंत सैनिटाइज कर लें। – सर्दी-जुकाम या खांसी महसूस हो तो किसी के पास ना जाएं या उनके संपर्क में ना आएं। – आंख, नाक और चेहरे को बार-बार हाथ से ना छुएं। – भीड़-भाड़ वाली जगह पर जाने से बचें। – जरूरत ना हो तो ट्रैवल करने से बचें। – कहीं भी ना थूकें।
1. घर लौटकर आने के बाद बिना हाथ धोएं किसी भी चीज को ना छुएं। 2. जूते घर के बाहर उतारें। 3. अगर आप अपने पालतू जानवर को टहलाने बाहर ले जाते हैं तो उनके पैरों को पहले सैनिटाइज करें। 4. घर में आते ही कपड़े उतारें और उसे धोने के लिए डाल दें। 5. घर में घुसते ही अपने बैग, पर्स, चाभी इत्यादि चीजों को साइड में रख दें या फिर सैनिटाइज कर दें।
कई बार साबुन लगाने से त्वचा ड्राय होने के साथ ही फटने भी लगती है। ऐसे में मॉइश्चराइजिंग सोप से हाथ धोना फायदेमंद हो सकता है। कोशिश करना चाहिए कि हाथ धोने के लिए ऐसे साबुन और हैंडवाश का इस्तेमाल करें जिसमें ग्लिसरीन और लैनोलिन का इस्तेमाल किया गया हो। बार सोप में पीएच अधिक होता है जो स्किन में जरूरत से ज्यादा ड्रायनेस पैदा करता है, इसलिए लिक्विड सोप यूज करने की सलाह दी जाती है। हाथ पर साबुन लगाने के बाद जोर से न रब करें।
पंजाब के अमृतसर में प्रशासन ने कोरोनावायरस के खतरे को देखते हुए सब्जी मंडी के गेट पर ही एक डिसइंफेक्शन टनल बना दी है। इससे गुजरने वाले लोगों पर सैनिटाइजर का छिड़काव होता है।
एक्सपर्ट्स यह भी कहते हैं कि वायरस को खत्म करने में साबुन, सैनिटाइजर से बेहतर है। जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी की एक रिसर्च के मुताबिक लिक्विड सैनिटाइजर वायरस से लड़ने में साबुन जितना बेहतर नहीं है। कई बार अल्कोहल बेस्ड सैनिटाइजर वायरस या बैक्टीरिया को खत्म करने से पहले ही जल्दी हवा में उड़ जाते हैं। इसीलिये साबुन वायरस को नष्ट करने के लिए सैनिटाइजर से अच्छा विकल्प है। ऐसे में हाथ धोने के लिए साबुन या हैंड वॉश के इस्तेमाल को तरजीह दें।
विशेषज्ञों के मुताबिक सैनिटाइजर में मौजूद अल्कोहल वायरस को ठीक उसी तरीके से खत्म करता है, जिस तरीके से सामान्य साबुन काम करता है। ‘इंडियन एक्सप्रेस’ की एक रिपोर्ट में एम्स की माइक्रोबायोलॉजी की पूर्व प्रोफेसर डॉ. शोभा बरूर कहती हैं कि वायरस की बाहरी परत चिपचिपी होती है, जिसे लिपिड भी कहते हैं। साबुन में जो डिटर्जेंट मौजूद होता है, वह इस चिपचिपी परत को नष्ट कर देता है। ठीक इसी तरीके से अल्कोहल बेस्ड सैनिटाइजर भी काम करता है।
जलंधर के गांव झीका में एक 70 वर्षीय बुजुर्ग कोरोना वायरस के संक्रमण से ठीक हो चुके हैं। जनसत्ता से बातचीत में उन्होंने बताया कि वह अपने 17 दिनों के इलाज के दौरान स्थिर रहे और लगातार डॉक्टरों के परामर्श अनुसार इलाज कराते रहें। उन्होंने यह भी बताया कि डॉक्टरों ने गर्म पानी पीने, ताजे फलों का सेवन और लगातार भाप लेने की सलाह दी थी, जिसका पूरी ईमानदारी से पालन किया और फिर 14 दिन बाद मेरी जांच रिपोर्ट नेगेटिव आई।
यदि आप कहीं बाहर से सफर करके आए हैं या आप किसी बाहर से सफर करके आने वाले व्यक्ति से संपर्क में आए हैं तो यह चिंता की बात हो सकती है। आपको कोरोना वायरस के लक्षण महसूस हो रहे हों तो सबसे पहले खुद को अलग-थलग करने के बाद चेकअप जरूर करवा लेना चाहिए।
इस समय घर से बाहर निकलना खतरे से खाली नहीं है, लेकिन अति आवश्यक कार्य से बाहर जाना पड़े तो मुंह पर तीन लेयर वाला मास्क जरूर लगाएं। जब भी घर में प्रवेश करें तो दरवाजे के हैंडल और डोरबेल को अच्छी तरह से सैनिटाइज कर दें और घर में आने के बाद नहाएं। इससे संक्रमण से बचा जा सकता है। साथ ही पर्स, मोबाइल, घड़ी और गाड़ी की चाबी को भी अच्छी तरह सैनिटाइज कर दें। इन छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखेंगे तो किसी भी प्रकार के संक्रमण से आसानी से बचा जा सकता है।
एक रिसर्च के अनुसार प्लास्टिक पर कोरोना वायरस का संक्रमण 72 घंटे तक जीवित रह सकता है इसलिए यदि आप बाहर से कोई भी सामान लाते हैं तो अपने साथ एक कपड़े का बैग लेकर ही जाएं ताकि उसमें सामान रख सकें, क्योंकि अक्सर प्लास्टिक बैग में ही सामान दिया जाता है।
कोरोफ्लू नाम की एक वैक्सीन इन दिनों खूब चर्चा में है। कोरोफ्लू वैक्सीन हजारों लोगों की जान लेने वाले कोरोना वायरस का काल साबित हो सकती है। ये दावा है वैक्सीन बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक के चेयरमैन डॉक्टर एला कृष्णा का है।
उत्तर कोरिया में स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों ने लोगों से अपील की है कि वे इम्यून पर बुरा असर डालने वाले एल्कोहल का सेवन न करें। साथ ही इम्यून सिस्टम को सुधारने के लिए पारंपरिक खान-पान (ट्रेडिशनल रेमेडीज) अपनाने का आग्रह किया है। साथ ही, लोगों को खान-पान में लहसुन, प्याज और शहद जैसी चीजें डाइट में शामिल करने का मशविरा दिया जा रहा है।
हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन को दूसरे विश्व युद्ध के दौरान इजाद किया गया था. ये दवा मलेरिया के इलाज में इस्तेमाल की जाती है. इसके अलावा इसे जोड़ों के दर्द के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है. अमरीका की जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के लुपस सेंटर के मुताबिक ये दवा मांसपेशियों और जोड़ों के दर्द को कम करती है
- हर थोड़ी देर पर अपने हाथों को साबुन या सैनिटाइजर से धोते रहें।- चेहरे को बार-बार हाथ ना लगाएं।- संक्रमित व्यक्ति से कम से कम 3 फीट की दूरी बनाएं रखें।- खांसते या छींकते वक्त टिश्यू या रुमाल का जरूर इस्तेमाल करें।- इतना ही नहीं, प्रेग्नेंट महिलाओं को पर्याप्त आराम लेना भी जरूरी है। साथ ही साथ, पूरे दिन में कम से कम 2.5 से 3 लीटर पानी अवश्य पिएं।
अमेरिकन सोसाइटी ऑफ माइक्रोबायोलॉजी ने वर्ष 2010 में सार्स वायरस के ऊपर किए गए शोध के आधार पर एक चेतावनी जारी की है। इसके मुताबिक सार्स वायरस और कोरोना वायरस का रूप एक जैसा ही है। कोरोना वायरस डीप फ्रीजर में 28 दिन तक जिंदा रह सकता है, यानी चार हफ्ते तक। इसके अलावा, कोरोना वायरस से जुड़ी जानकारी देते हुए फेडरेशन ऑफ अमेरिकन साइंटिस्ट्स ने कहा है कि कम तापमान और कम ह्यूमिडिटी दोनों ही इस वायरस को लंबे समय तक जीवित रहने में मदद करते हैं।
नॉर्मल सर्दी-जुकाम सप्ताह भर में ठीक हो जाते हैं, वहीं कोरोना वायरस के लक्षण 2 से 10 दिनों के बीच में दिखने शुरू होते हैं। इस वायरस के लक्षण देरी से दिखते हैं जिसके कारण लोग बाहर से बीमार नहीं दिखते हैं। इस वजह से यह शरीर में आसानी से फैल जाता है।
ब्राजीली राष्ट्रपति जेर बोलसोनारो ने सात अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कोरोना वायरस के विषय पर बात की थी। उसी दिन भारत की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि जिन देशों को इस दवाई की सख्त जरूरत है और जहां कोरोना वायरस के मामलों का असर काफी ज्यादा है वहां कुछ निश्चित दवाइयों की सप्लाई की जाएगी। इसके बाद ब्राजीली राष्ट्रपति ने कहा कि संकट के इस समय में जिस तरह भारत ने ब्राजील की मदद की है, वह बिल्कुल वैसा ही है जैसा रामायण में हनुमान जी ने राम के भाई लक्ष्मण की जान बचाने के लिए संजीवनी लाकर किया था।
- डॉक्टर, फार्मेसी और अस्पताल जाने से बचें- अपने इलाके में मौजूद स्वास्थ्य कर्मी से फोन या ऑनलाइन जानकारी लें।- खुद को दूसरों से बिल्कुल दूर रखें।
- सिरदर्द- सांस लेने में तकलीफ- मांसपेशियों में दर्द- बुखार और थकान- सर्दी-जुकाम और गले में दर्द
अस्पताल में भर्ती होने की ज़रूरत तब होती है जब व्यक्ति को सांस लेने में दिक्कत आनी शुरू हो जाए। मरीज़ के फेफड़ों की जांच कर डॉक्टर इस बात का पता लगाते हैं कि संक्रमण कितना बढ़ा है और क्या मरीज़ को ऑक्सीजन या वेंटिलेटर की ज़रूरत है। लेकिन इसमें मरीज़ को अस्पताल के आपात विभाग यानी ऐक्सीडंट ऐंड इमर्जेंसी में भर्ती होने की ज़रूरत नहीं होती।
वाराणसी, लखनऊ, महराजगंज, बस्ती, बुलंदशहर, नोएडा, गाज़ियाबाद, शामली, कानपुर, सीतापुर, मेरठ, सहारनपुर, आगरा, फ़िरोज़ाबाद और बरेली।
उत्तर प्रदेश में तब्लीगी जमात के लोगों के चलते कोरोना संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। कोरोना वायरस से मंगलवार को प्रदेश में 28 नए मरीज मिले। इनमें सर्वाधिक 10 आगरा में मिले। वहीं, लखनऊ में भी एक पॉजिटिव मरीज मिला है। इसके साथ ही प्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 348 हो गई है। इनमें से 178 तब्लीगी जमात से जुड़े हैं।
यूपी सरकार का कहना है कि 15 अप्रैल तक केवल हॉटस्पॉट को सील किया जाएगा। 6 से अधिक पॉजिटिव मामलों वाले जिलों में लॉकडाउन को और सख्ती से लागू किया जाएगा।
भारत में बचपन में दी जाने वाली ट्यूबरकुलोसिस (टीबी) से बचाव की वैक्सीन BCG, कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में उम्मीद की नई किरण बनकर सामने आई है। एक नई रिपोर्ट में पता चला है कि जिन लोगों को BCG वैक्सीन दी गई है, उनमें मृत्य दरयह वैक्सीन न लेने वाले लोगों की तुलना में काफी कम है।
- कम से कम खबरें पढ़ें- सोशल मीडिया से रहें दूर- लोगों के साथ जुड़े रहें- किताबें पढ़ें- थकान से बचें
1. स्मोकिंग2. पर्याप्त नींद ना लेना3. अल्कोहल4. बालों पर हाथ फेरना5. नाक में अंगुली डालना
मध्य प्रदेश के इंदौर में स्थित अरबिंदो इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में कोरोनावायरस से एक 49 वर्षीय व्यक्ति की बुधवार को जान चली गई। इसी के साथ जिले में अब तक 16 लोग संक्रमण से जान गंवा चुके हैं।
बीबीसी के स्वास्थ्य संवाददाता जेम्स गैलघर कहते हैं, "स्टडी में ऐसा लगता है कि हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन कोरोना वायरस को रोकने में सक्षम है। डॉक्टरों की ओर से भी कहा गया है कि कुछ मामलों में यह काम कर रही है।"
हिन्दुस्तान के मुताबिक, ‘जर्नल ऑफ अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन (जामा)’ में 26 मार्च को प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, कोरोना संक्रमित गर्भवती महिला से भ्रूण में संक्रमण फैलने का खतरा नहीं होता। साथ ही प्रसव के दौरान अगर बेहद सावधानी बरती जाए तो संक्रमण नवजात तक नहीं फैल सकता। विशेषज्ञ यह भी सलाह देते हैं कि स्वस्थ मां से पैदा नवजात को भी इस समय बेहद सावधानी से पालने की जरूरत है क्योंकि अगर उस तक संक्रमण के कण पहुंचते हैं तो उसकी जान के लिए खतरा होगा।
कोरोना वायरस से पीड़ित प्रेग्नेंट महिलाओं में मिसकैरेज का खतरा न के बराबर ही होता है। सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के मुताबिक अगर कोई गर्भवती महिला कोरोना वायरस से पीड़ित है तो अब तक ऐसा कोई पुख्ता प्रमाण नहीं मिला है जिससे ये साबित हो कि ये वायरस भ्रूण को खराब कर सकता है। हालांकि, स्त्री और प्रसूति रोग विशेषज्ञों के अनुसार इस वायरस से जूझ रही गर्भवती महिलाओं को लेबर के दौरान प्री-टर्म बर्थ जैसी कुछ जटिलताओं का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा, इस वायरस का मां के माध्यम से शिशु में जाने का खतरा भी कम है।
- हर थोड़ी देर पर अपने हाथों को साबुन या सैनिटाइजर से धोते रहें।- चेहरे को बार-बार हाथ ना लगाएं।- संक्रमित व्यक्ति से कम से कम 3 फीट की दूरी बनाएं रखें।- खांसते या छींकते वक्त टिश्यू या रुमाल का जरूर इस्तेमाल करें।
दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने बुधवार को लोगों से अपील की कि वे अपने घरों के अंदर ही रहें और घर से ही अपने परिवारों की सुरक्षा की प्रार्थना करें। उन्होंने कहा कि सभी को ऐसे किसी भी व्यवहार से बचना चाहिए, जिससे कोरोना के खिलाफ लड़ाई के लिए जारी गाइडलाइंस का उल्लंघन हो।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मंगलवार को गुजरात के जामनगर जिले में एक 14 महीने के बच्चे की कोरोना वायरस से मौत हो गई। डॉक्टरों ने बताया कि बच्चे को बेहद गंभीर स्थिति में अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जिसके बाद उसके शरीर के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था। हालांकि बच्चे को वेंटिलेटर पर रखा गया था।