आजकल खराब लाइफस्टाइल और अनियमित खान-पान के कारण पेट से जुड़ी कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इन्हीं समस्याओं में से एक है कब्ज की समस्या; जो समय रहते ठीक नहीं किया गया तो आगे चलकर बवासीर का मुख्य कारण बन जाता है। इसमें कई बार इस रोग में रक्तस्राव की समस्या भी हो जाती है।
पाइल्स एक ऐसी बीमारी है जिसमें बैठना बहुत मुश्किल हो जाता है। इसमें गुदा के अंदर और बाहर के साथ-साथ मलाशय के निचले हिस्से में भी सूजन आ जाती है। जिससे वहां मस्से जैसी स्थिति बन जाती है। कभी अंदर होते हैं तो कभी बाहर की तरफ मस्से हो जाते हैं। अगर आप भी इस समस्या से परेशान हैं तो आपको 3 दिन में फायदा मिल सकता है; आइए स्वामी रामदेव से जानते हैं कुछ घरेलू उपाय-
मेडिकल साइंस में बवासीर जैसी बीमारियों को एलोपैथी से ठीक करने के तमाम प्रयास किए गए हैं, लेकिन एलोपैथी से इस बीमारी को पूरी तरह खत्म नहीं किया जा सका है। ऐसे में सिर्फ आयुर्वेद ही आखिरी विकल्प रह जाता है, जो बवासीर को जड़ से खत्म करने में पूरी तरह से मदद करता है।
आपको बता दें कि बवासीर दो तरह की होती है, पहली खूनी बवासीर और दूसरी बादी बवासीर। खूनी बवासीर में मल त्याग करते समय खून आता है लेकिन किसी प्रकार का दर्द नहीं होता है। जबकि बादी बवासीर में पेट में कब्ज बन जाता है और पेट हमेशा खराब रहता है। बहुत दर्द होता है। इन बवासीर में चलने में भी परेशानी होती है।
स्वामी रामदेव के मुताबिक बवासीर की समस्या से छुटकारा पाने के लिए 100 ग्राम त्रिफला चूर्ण को 100 ग्राम बकायन और 100 ग्राम नीम की निबोली में मिलाकर चूर्ण बना लें। इसका सेवन करने से आपको लाभ मिलेगा।
स्वामी रामदेव के अनुसार नागदोन के पत्तों में औषधीय गुणों का खजाना होता है। इसके सेवन से आप खूनी या बादी बवासीर से आसानी से छुटकारा पा सकते हैं। इसे नागदमणि के नाम से भी जाना जाता है। बवासीर की समस्या से निजात पाने के लिए इसके 3-4 पत्तों को चबाकर खाएं। इसके साथ आप चाहें तो 1-2 काली मिर्च भी खा सकते हैं।
बाबा रामदेव के मुताबिक आयुर्वेद के अनुसार पुरानी कब्ज और बवासीर को जड़ से ठीक किया जा सकता है। जिन लोगों को बवासीर की समस्या है उन्हें सुबह उठकर नियमित रूप से कम से कम 5 अंजीर का सेवन करना चाहिए। ऐसा आपको लगातार 40 से 45 दिनों तक करना है। इसके अलावा फाइबर युक्त भोजन (फल और सब्जियां) का सेवन करने की सलाह दी जाती है। बवासीर के मरीजों को ज्यादा तेल वाला भोजन, शराब, सिगरेट आदि से भी परहेज करना चाहिए।