Diabetes Sugar Myths And Facts: डायबिटीज गलत जीवनशैली और खाने की आदतों के कारण होने वाली बीमारी है और इसका कोई विशिष्ट इलाज नहीं है जो इस बीमारी को पूरी तरह से ठीक कर सके। डॉक्टर की सलाह के अनुसार आहार और जीवनशैली में बदलाव करके मधुमेह को नियंत्रित किया जा सकता है। हाइपरग्लेसेमिया हाई ब्लड शुगर लेवल के लिए मेडिकल शब्द है। मधुमेह एक पुरानी मेटाबॉलिज्म स्थिति है जिसमें मधुमेह व्यक्ति के ब्लड शुगर लेवल अधिक होता है। दुनियाभर में डायबिटीज के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। भारत में भी मधुमेह रोगियों की संख्या बहुत अधिक है। डायबिटीज में खान-पान पर ध्यान देना बहुत जरूरी है।
मधुमेह को लेकर कई तरह की भ्रांतियां हैं जिन पर लोग अक्सर विश्वास करते हैं। मधुमेह के रोगी कोई विशेष भोजन करने से बचते हैं या बिना किसी विशेषज्ञ की सलाह के बहुत अधिक खाने लगते हैं, जिसका शरीर के स्वास्थ्य पर बड़ा प्रभाव पड़ सकता है। मधुमेह रोगियों को सही प्रकार के कार्ब्स का सेवन करना चाहिए। इसके साथ ही दिन के दौरान भोजन में शामिल किए जाने वाले कार्बोहाइड्रेट की मात्रा का भी ध्यान रखना चाहिए। आइए जानते हैं डायबिटीज के मरीजों के लिए जरूरी बातें और मधुमेह के बारे में कुछ मिथक और तथ्य-
क्या दुबले लोगों को नहीं होता मधुमेह?
गीज़िंगर हेल्थ के मुताबिक दुबले लोगों को मधुमेह नहीं होता है। लेकिन ऐसा नहीं है पतले या कम वजन वाले लोगों को भी मधुमेह हो सकता है, क्योंकि कई लोगों में वसा शरीर पर नहीं बल्कि शरीर के अंदर होती है। क्योंकि डायबिटीज का मोटा या पतला होने से कोई लेना-देना नहीं है। मधुमेह आपके दिखने के तरीके से संबंधित नहीं है,”गीज़िंगर कम्युनिटी मेडिकल सेंटर में आहार विशेषज्ञ और मधुमेह के जानकार मिस्टी कोसाक के मुताबिक “मधुमेह इंसुलिन प्रतिरोध से आता है, जो रक्त शर्करा को बढ़ाता है।”
मधुमेह अग्न्याशय से संबंधित है, इसके कामकाज में गड़बड़ी के कारण इसमें इंसुलिन की मात्रा कम हो जाती है, जिससे मधुमेह होता है। मोटे होने से मधुमेह होने की संभावना बढ़ जाती है क्योंकि व्यक्ति व्यायाम करना बंद कर देता है। हेल्थलाइन की रिपोर्ट के मुताबिक, जिनका वजन ज्यादा नहीं होता और वे दुबले-पतले होते हैं उनमें टाइप 4 डायबिटीज होने की अधिक संभावना होती है।
क्या चीनी खाने से होता है डायबिटीज?
माउंट सिनाई के स्कूल ऑफ मेडिसिन के मुताबिक जब लोग डायबिटीज की बात करते हैं तो लोगों के दिमाग में सबसे पहले जो चीज आती है वह है मिठाई या चीनी, दरअसल, बहुत अधिक चीनी का सेवन करने से आप मोटापे और बाद में मधुमेह के शिकार हो जाते हैं, शायद इसीलिए लोगों को ज्यादा मीठा न खाने की सलाह दी जाती है। लेकिन डायबिटीज का कारण सिर्फ चीनी या मिठाई ही नहीं है।
कई लोगों को यह भ्रम भी होता है कि जो लोग मधुमेह से पीड़ित हैं वे मिठाई या चीनी नहीं खा सकते हैं। बल्कि ऐसा नहीं है अगर डायबिटीज की समस्या जल्दी हो तो संतुलित आहार में चीनी का होना अनिवार्य है। यह आपको शुगर की बीमारी से लड़ने में मदद करता है। हालांकि, लोगों को किसी भी तरह का इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए।
आर्टिफिशियल शुगर का उपयोग
बहुत से लोग अपने रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने के बजाय आर्टिफिशियल शुगर का सेवन करते हैं। उन्हें लगता है कि शुगर लेवल को कंट्रोल करने के लिए आर्टिफिशियल शुगर या शुगर फ्री फूड का सेवन फायदेमंद होता है। लेकिन विशेषज्ञों के अनुसार कृत्रिम चीनी या शुगर-फ्री खाद्य पदार्थों का सेवन करने से इंसुलिन रेजिस्टेंस की स्थिति और खराब हो सकती है।