ब्लड प्रेशर की दवा खाने से होती है अल्जाइमर की समस्या कम: स्टडी
Alzheimer's Research: अल्जाइमर डिमेंशिया का एक सामान्य रूप है। बीमारी का जोखिम उम्र के साथ बढ़ता है और इसके कारण काफी हद तक अज्ञात हैं।

Alzheimer and Blood Pressure: एक स्टडी में पाया गया है कि जो लोग हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने के लिए दवा लेते हैं उनकी अल्जाइमर की समस्या कम हो जाती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि इससे दिमाग के विभिन्न हिस्सों में ब्लड का फ्लो बेहतर होता है जो मेमोरी से जुड़ा हुआ होता है। नीदरलैंड की रेडबॉड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने पाया कि निलवाडिपाइन नामक दवा लर्निंग सेंटर में अल्जाइमर से पीड़ित लोगों के मस्तिष्क के अन्य हिस्सों को प्रभावित किए बिना रक्त प्रवाह बढ़ा देता है और मेमोरी में भी सुधार लाता है।
जर्नल हाइपरटेंशन में प्रकाशित निष्कर्षों से संकेत मिलता है कि अल्जाइमर से पीड़ित रोगियों के दिमाग में ब्लड फ्लो में कमी कुछ क्षेत्रों में उल्टी हो सकती है। शोधकर्ताओं ने कहा, हालांकि एक महत्वपूर्ण सवाल यह है कि क्या यह सेरिब्रल ब्लड फ्लो में वृद्धि नैदानिक लाभ के लिए अनुवाद करता है।
अल्जाइमर डिमेंशिया का एक सामान्य रूप है। बीमारी का जोखिम उम्र के साथ बढ़ता है और इसके कारण काफी हद तक अज्ञात हैं। निलवाडिपाइन एक कैल्शियम चैनल ब्लॉकर है जिसका उपयोग हाई ब्लड प्रेशर के इलाज के लिए किया जाता है। शोधकर्ताओं ने यह पता लगाने की कोशिश की कि क्या निलवाडिपाइन अल्जाइमर रोग का इलाज करने में मदद कर सकता है। उन्होंने 44 प्रतिभागियों को छह महीनों तक निलवाडिपाइन या प्लेसीबो लेने की सलाह दी।
ना तो शोधकर्ताओं और ना ही प्रतिभागियों को पता था कि दवा या प्लेसीबो को कौन प्राप्त करता है जो समान रूप से दो समूहों में विभाजित था। अध्ययन की शुरुआत और छह महीने के बाद, शोधकर्ताओं ने एक यूनीक मैगनेटिक रेजोनेंस इमैजिंग (एमआरआई) तकनीक का उपयोग करके मस्तिष्क के विशिष्ट क्षेत्रों में रक्त के प्रवाह को मापा।
रिजल्ट से पता चला है कि प्लेसीबो समूह की तुलना में हिप्पोकैम्पस में रक्त का प्रवाह बढ़ा है और मस्तिष्क की स्मृति और रर्निंग सेंटक में निलवाडिपाइन समूह के बीच 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
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