फैटी लिवर (fatty Liver problem) के खतरे का असर सबसे ज्यादा युवाओं में होता है। कुछ सालों में फैटी लिवर के खतरे से लोगों को लिवर सिरोसिस होने की घटना बहुत तेजी से बढ़ी है। लिवर, शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक है। यह बॉडी से विषैले पदार्थों को दूर करने से लेकर खाना पचाने, ऊर्जा का संचयन करने, पित्त बनाने और कार्बोहाइड्रेट को स्टोर करने में अहम भूमिका निभाता है।
लेकिन जब लिवर पर वसा की मात्रा बढ़ जाती है तो इस स्थिति को फैटी लिवर कहा जाता है। लिवर में फैट की अधिकता से सूजन बढ़ जाती है, जिससे इस अंग के डैमेज होने का खतरा भी बढ़ जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार भारत में सालाना 10 लाख से अधिक लोग लिवर की बीमारी का शिकार हो रहे हैं। हेल्थ एक्सपर्ट्स फैटी लिवर के मरीजों को खानपान का विशेष ध्यान रखने की सलाह देते हैं। क्योंकि व्यक्ति जिन भी चीजों का सेवन करता है, उसका असर लिवर पर पड़ता है।
इसलिए फैटी लिवर के मरीजों को हेल्दी चीजों का सेवन करने की सलाह दी जाती हैं। काले चावल का सेवन फैटी लिवर के मरीजों के लिए उपयोगी साबित हो सकता है. लेकिन ध्यान रहे कि किसी भी बीमारी का हल मात्र घरेलू उपाय या कोई खाद्य पदार्थ नहीं है. कई बार फैटी लिवर के बढ़ जाने से पेट में दर्द और सूजन हो जाती है। अगर ऐसा कुछ लगे तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
काले चावल में फाइबर की भरपूर मात्रा पाई जाती है, इसी वजह से इसके सेवन से पाचन क्रिया में भी सुधार हो सकता है। दरअसल, फाइबर के कारण इस जिस कारण यह पाचन तंत्र के लिए उपयोगी साबित हो सकता है। ऐसे में अपनी डाइट में कभी-कभी काले चावल को शामिल करना एक अच्छा विकल्प हो सकता है।
एंटीऑक्सीडेंट मनुष्य के शरीर के लिए जरूरी है। काला चावल एंटीऑक्सीडेंट का समृद्ध स्रोत है ऐसे में इसका उपयोग करने से फैटी लिवर की समस्या का जोखिम कम हो सकता है। दरअसल काले चावल (Black Rice) में पाया जाने वाला एंटीऑक्सीडेंट गुण लिवर को डिटॉक्सीफाई यानी लिवर से विषैले तत्वों को निकालकर, उसे स्वस्थ बना सकता है। वहीं फैटी लिवर के मरीजों को अपने चिकित्सक से परामर्श करके अपने डाइट में इसे शामिल कर सके हैं.