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खून में जमा यूरिक एसिड के क्रिस्टल को चूसकर बाहर निकाल देंगी ये दो आयुर्वेदिक जड़ी बूटियां, बाबा रामदेव से जानिए औषधी

योग गुरु बाबा रामदेव के मुताबिक आयुर्वेदिक जड़ी बूटियां जोड़ों के दर्द को दूर करती हैं और यूरिक एसिड को बॉडी से बाहर निकालने में भी मदद करती हैं।

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हल्दी के साथ सौंठ का इस्तेमाल करने से यूरिक एसिड के क्रिस्टल टूटकर यूरीन के जरिए बॉडी से बाहर निकल जाते हैं। photo-freepik

यूरिक एसिड बॉडी में बनने वाले टॉक्सिन हैं जो सभी की बॉडी में बनते हैं। डाइट में प्यूरीन से भरपूर फूड्स का सेवन करने से बॉडी में यूरिक एसिड का स्तर बढ़ने लगता है। प्यूरीन से भरपूर कुछ फूड्स जैसे रेडमीट,सीफूड,दाल,राजमा,मशरूम,भिंडी,अरबी,गोभी,टमाटर,मटर,पनीर और चावल खाने से बॉडी में यूरिक एसिड का स्तर बढ़ने लगता है। प्यूरिन डाइट यूरिक एसिड के लेवल को बढ़ाती है।

यूरिक एसिड बढ़ने से बॉडी के किसी भी हिस्से में दर्द हो सकता है। ये दर्द खासकर टखनों में,कमर में,गर्दन में,हाथों और पैरों की उंगलियों में, घुटने और हाथ-पैरों के जोड़ों में हो सकता है। बॉडी में यूरिक एसिड का स्तर बढ़ने से गाउट,गठिया और आर्थराइटिस की परेशानियां हो सकती हैं।

बढ़े हुए यूरिक एसिड से परेशान हैं तो आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों का सेवन करें। योग गुरु बाबा रामदेव के मुताबिक आयुर्वेदिक जड़ी बूटियां जोड़ों के दर्द को दूर करती हैं और यूरिक एसिड को बॉडी से बाहर निकालने में भी मदद करती हैं। आइए जानते हैं कि कौन-कौन सी जड़ी बूटियां यूरिक एसिड के क्रिस्टल को बॉडी से गला कर यूरीन के जरिए बॉडी से बाहर निकाल देंगी।

हल्दी के साथ करें सोंठ का सेवन तेजी से घटेगा यूरिक एसिड:

औषधीय गुणों से भरपूर हल्दी का सेवन यूरिक एसिड को कंट्रोल करने में बेहद असरदार साबित होता है। हल्दी के साथ सौंठ का इस्तेमाल करने से यूरिक एसिड के क्रिस्टल टूटकर यूरीन के जरिए बॉडी से बाहर निकल जाते हैं। सोंठ और हल्दी किचन में मौजूद ऐसे मसाले हैं जो कई बीमारियों का उपचार करने में असरदार हैं। इन दोनों मसालों को बराबर मात्रा में मिलाकर उसका पाउडर बना लें और दिन में दो बार 250mg का सेवन करें। ये दोनों मसाले तेजी से यूरिक एसिड के स्तर को कंट्रोल करेंगे।

त्रिफला चूर्ण से करें यूरिक एसिड का इलाज

त्रिफला एक ऐसी आयुर्वेदिक औषधी है जिसका सेवन करने से जोड़ों के दर्द,जोड़ों की सूजन दूर करने में मदद मिलती है। त्रिफला में अमीनो एसिड और फ्लेवोनॉयड मौजूद होता हैं जो यूरिक एसिड को कंट्रोल करने में असरदार है। त्रिफला एक ऐसी आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है जिसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो गठिया के दर्द से राहत दिलाते हैं। त्रिफला पाउडर का सेवन रात में करना चाहिए यूरिक एसिड कंट्रोल रहेगा।

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First published on: 31-03-2023 at 16:30 IST
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