क्या आपको भी सीढ़ियां चढ़ने से सांस फूलती है? चलते समय सांस लेने में तकलीफ होती है? सामान उठाकर चलना भारी पड़ता है? तो आपको सांस फूलने की परेशानी हो सकती है। बदलते लाइफस्टाइल और खराब डाइट की वजह से आजकल कम उम्र में ही लोगों को सांस फूलने की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। सांस फूलने की समस्या कई कारणों से होती है जैसे एलर्जी, मोटापा, धूम्रपान, प्रदूषण, ज्यादा ठंड, एंजाइटी, टीवी, अस्थमा, हार्ट की समस्या, और एनीमिया की वजह से लोगों का सांस तेजी से फूलने लगता है।
सांस फूलने की परेशानी फेफड़ों और ब्रोंकाइल ट्यूब्स में सूजन, दमा की समस्या होने पर भी होती है। आप का भी सांस बार-बार फूलता है तो बाबा राम देव के टिप्स को अपनाएं जल्द आपको इस परेशानी से निजात मिलेगी।
सांस फूलने की समस्या क्या हैं? सांस लेने में समस्या तब होती है जब आपको लगता है कि आपको पर्याप्त हवा नहीं मिल रही है। ऐसे में चेस्ट में काफी भारीपन महसूस होता है और आपका सांस फूलने लगता है। कई बार सांस फूलने पर दम घुटने तक का अहसास होता है। सांस फूलने की परेशानी मोटे लोगों को ज्यादा होती है।
शवासन कीजिए: सांस फूलने की परेशानी होती है तो आप पदमासन कीजिए। पदमासन करने से सांस फूलने की समस्या दूर होती है। इसे करने से सांस संबंधी रोग जैसे दमा से निजात मिलती है और तनाव भी दूर होता है। इस आसन को आप सुबह और शाम कर सकते हैं।
अनुलोम-विलोम आसन करें: जिन लोगों को सांस की समस्या है वो अनुलोम विलोम आसन को करें। धीरे-धीरे अनुलोम विलोम करने से सांस फूलने की समस्या दूर होती है। अनुलोम-विलोम फेफड़ों को मजबूत बनाता है। इसे करने से फेफड़ों में जमा गंदगी बाहर निकलती है और सांस में सुधार होता है। प्रणायाम करने से ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ती है। ये प्रणायाम सांस से जुड़ी समस्याओं से निजात दिलाने में असरदार है।
भस्त्रिका प्राणायाम करें: आयुर्वेद में तीन प्रकार के दोषों का जिक्र मिलता है जिनमें वात्, पित्त और कफ शामिल हैं। ये योगासन इन तीनों को संतुलित रखने में मददगार है। इस आसन को करने से फेफड़े मजबूत होते हैं और सांस से संबंधी दिक्कतें भी दूर होती हैं।
तुलसी अदरक खाएं: सांस फूलने की समस्या से परेशान हैं तो तुलसी के पत्तों का रस शहद में डालकर उसका सेवन करें। अदरक चबाने या गर्म पानी में डालकर पीने से भी सांस नली का संक्रमण खत्म हो जाता है।