uric acid control tips:यूरिक एसिड खाद्य पदार्थों के पाचन से उत्पन्न टॉक्सिन है जिसमें प्यूरिन होता है। जब हमारे शरीर में प्यूरिन टूटता है तो यूरिक एसिड पाया जाता है। डाइट में मीट, एक प्रकार की मछली, सूखे सेम और बीयर का सेवन करने से यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ने लगती है। आमतौर पर किडनी यूरिक एसिड को फिल्टर करके यूरीन के जरिए बॉडी से बाहर निकाल देती है, लेकिन प्यूरीन डाइट का अधिक सेवन करने से बॉडी में प्यूरीन की मात्रा बढ़ने लगती है। प्यूरीन की मात्रा बढ़ने से बॉडी में यूरिक एसिड ज्यादा तेजी से बनने लगता है। बॉडी में यूरिक एसिड बनने से जोड़ों में दर्द, घुटनों में, मांसपेशियों में दर्द और सूजन की शिकायत बढ़ने लगती है।
यूरिक एसिड को कंट्रोल करने के लिए डाइट पर कंट्रोल करना जरुरी है। डाइट में प्यूरीन डाइट पर कंट्रोल करें और ऐसे फूड्स को शामिल करें जिनसे यूरिक एसिड कंट्रोल रहे। यूरिक एसिड को कंट्रोल करने के लिए मूली का सेवन रामबाण इलाज है।
आचार्य बालकृष्ण के मुताबिक मूली एक ऐसी सब्जी है जो औषधीय गुणों से भरपूर है। मूली का सेवन अगर दिन में या सुबह नाश्ते में कर लिया जाए तो पूरा दिन यूरिक एसिड कंट्रोल रहता है। मूली का सेवन करने से जोड़ों के दर्द और सूजन से राहत मिलती है। आइए जानते हैं कि यूरिक एसिड को कंट्रोल करने के लिए मूली कैसे फायदेमंद है और इसका सेवन कैसे करें।
यूरिक एसिड में मूली के फायदे: (radish benefits for uric acid control)
मूली में भरपूर मात्रा में फॉलिक एसिड, विटामिन C, कैल्शियम, आयरन और एंथोकाइनिन जैसे पोषक तत्व मौजूद होते हैं जो बॉडी की सूजन और दर्द को कम करने में असरदार है। मूली में एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-बैक्टीरियल गुण मौजूद होते हैं, जो पेट, आंतो, किडनी, और यूरिक एसिड की समस्या से राहत दिलाने में रामबाण इलाज है। यूरिक एसिड के मरीजों को मूली का सेवन हर रोज करना चाहिए। मूली का सेवन करने से किडनी की पथरी बनने की परेशानी दूर होती है और किडनी हेल्दी रहती है। ये एसिडिटी से बचाती है और लीवर को हेल्दी रखती है।
यूरिक एसिड को कंट्रोल करने के लिए मूली का सेवन कैसे करें: (how to use radish for uric acid control)
यूरिक एसिड को कंट्रोल करने के लिए और जोड़ों के दर्द को दूर करने के लिए आप मूली का पाउडर करके उसके साथ कपीला के बीज, नीम की छाल, पीपल की छाल को मिलाकर काढ़ा बना लें और उसका सुबह शाम सेवन करें। इस काढ़े के सेवन से पेशाब खुलकर होता है और किडनी रोगों से बचाव भी होता है। यूरिक एसिड के मरीज इस काढ़े का सेवन करके आसानी से यूरिक एसिड को कंट्रोल कर सकते हैं।