Hindenburg report on Adani: अडानी ग्रुप- हिंडनबर्ग मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने सेबी को 2 महीने के अंदर जांच रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है। साथ ही रेगुलेटरी मैकेनिज्म की समीक्षा के लिए एक एक्सपर्ट कमेटी का भी गठन किया है। इस कमेटी में चेयरमैन समेत कुल 6 सदस्य शामिल हैं। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud) जस्टिस पी एस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की बेंच ने फैसला सुनाते हुए कहा कि एक्सपर्ट कमेटी की अगुवाई सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस अभय मनोहर सापरे (Justice Abhay Manohar Sapre) करेंगे।
कौन हैं कमेटी के चेयरमैन जस्टिस सापरे?
कमेटी के चेयरमैन जस्टिस अभय मनोहर सापरे (Justice Abhay Manohar Sapre) 27 अगस्त 2019 को सुप्रीम कोर्ट से रिटायर हुए थे। जस्टिस सापरे सुप्रीम कोर्ट सुप्रीम कोर्ट की उस नौ जजों की संविधान पीठ का हिस्सा थे, जिसने राइट टू प्राइवेसी पर ऐतिहासिक फैसला दिया था। जस्टिस सापरे सुप्रीम कोर्ट में आने से पहले गुवाहाटी हाईकोर्ट और मणिपुर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस थे। इसके अलावा राजस्थान हाईकोर्ट और मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में बतौर जज भी सेवा दे चुके हैं।
एक्सपर्ट कमेटी के सदस्य
1 – ओपी भट्ट: कमेटी में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) के पूर्व चेयरमैन ओपी भट्ट (OP Bhat) को भी शामिल किया गया है। ओपी भट्ट इन दिनों ओएनजीसी में इंडिपेंडेंट डायरेक्टर के तौर पर सेवा दे रहे हैं। इसके अलावा टाटा स्टील लिमिटेड और हिंदुस्तान युनिलीवर में भी इंडिपेंडेंट डायरेक्टर हैं।
2 – जस्टिस जेपी देवधर: एक्सपर्ट कमेटी में बॉम्बे हाईकोर्ट के पूर्व जज जस्टिस जेपी देवधर को भी शामिल किया गया है। जस्टिस देवधर सिक्योरिटीज अपीलेट ट्रिब्यूनल के पूर्व प्रिसाइडिंग ऑफिसर भी रहे हैं।
3 – केवी कामत: कमेटी के सदस्यों में केवी कामत भी शामिल हैं, जो ब्रिक्स देशों के न्यू डेवलपमेंट बैंक के पूर्व प्रमुख रहे हैं और इंफोसिस लिमिटेड के भी चेयरमैन भी रह चुके हैं।
4 – नंदन नीलेकणी: एक्सपर्ट कमेटी में इंफोसिस के सह संस्थापक नंदन नीलेकणी (Nandan Nilekani) को भी शामिल किया गया है। नंदन नीलेकणी आधार बनाने वाली संस्था यूआईडीएआई के पूर्व चेयरमैन भी हैं।
5 – सोमशेखर सुंदरेसन: कमेटी के पांचवें सदस्य एडवोकेट सोमशेखर सुंदरेसन है। सुंदरेसन को सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने मुंबई हाईकोर्ट का जज बनाने की सिफारिश की है, जो केंद्र के पास लंबित है।
कमेटी को क्या काम सौंपा है?
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि एक्सपर्ट कमेटी पूरे मामले की ओवरऑल समीक्षा करेगी और यदि इसका सिक्योरिटी मार्केट पर किसी तरह असर पड़ा है तो यह भी देखेगी। साथ ही निवेशकों की जागरूकता के लिए और क्या कदम उठाया जा सकता है, यह भी सुझाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने सेबी के चेयरमैन को निर्देश दिया है कि एक्सपर्ट कमेटी जो जानकारी मांगे, वो सब उपलब्ध कराएं।
इसके अलावा केंद्र सरकार की सभी एजेंसियों को भी इस कमेटी के साथ सहयोग करने को कहा है। कमेटी को यह छूट है कि वह किसी बाहरी विशेषज्ञ से भी सलाह या सुझाव ले सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इस कमेटी के सदस्यों का भत्ता कमेटी के चेयरमैन तय करेंगे और इसका वहन केंद्र सरकार करेगी।
पिछली सुनवाई में केंद्र को लगा था झटका
आपको बता दें कि अडानी-हिंडनबर्ग मामले पर पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के लिफाफा बंद सुझाव को मानने से इनकार कर दिया था और चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ ने साफ कहा था कि सुप्रीम कोर्ट खुद एक कमेटी का गठन करेगी, जो मामले की जांच करेगी।