साल 1992 के दिसंबर की बात है। बिहार में लालू यादव (Lalu Yadav) की सरकार थी। लालू यादव दिल्ली स्थित बिहार भवन (Bihar Bhawan) में आए हुए थे। वहीं उनसे मिलने कुछ नेता पहुंचे और थोड़ी ही देर बाद बिहार भवन में एक बहुत भद्दी, गाली गलौज भरी घटना घटी। हल्ला-गुल्ला बिहार भवन के ग्राउंड फ्लोर के वी.वी.आई.पी गलियारे में किसी विस्फोट की तरह गूंज रहा था। मां-बहन की गालियां गोलियों के माफिक छूट रही थीं।
CM से मिलने पहुंचे थे नीतीश कुमार व अन्य
नालंदा और सोन क्षेत्र के किसान लंबे समय सिचांई और बिजली संबंधी मुद्दों को लेकर आंदोलन कर रहे थे। नीतीश कुमार (Nitish Kumar) समेत बिहार के कई बड़े नेता चाहते थे कि महीनों से चले आ रहे किसानों (Farmers) के शांतिपूर्ण आंदोलन का कोई नतीजा निकले। विशेष रूप से नीतीश कुमार चाहते थे कि किसानों की मांग पर ध्यान दिया जाए।
तब नीतीश कुमार मंत्री पद पर नहीं थे क्योंकि वी.पी. सिंह (V.P. Singh) की सरकार गिर गयी थी। वह बिहार के नेताओं के एक गुट के साथ लालू यादव से भेंट करने पहुंचे। इस गुट में नीतीश कुमार के अलावा शिवानंद तिवारी, बिशन पटेल, लल्लन सिंह थे। इन नेताओं के पास किसानों के मुद्दों के अलावा कुछ और कार्यों की भी सूची थी।
अचानक शुरू हुई गाली-गलौज और मुक्केबाजी
संकर्षण ठाकुर अपनी किताब ‘द बिहारी ब्रदर्स’ में बताते हैं कि मौजूद लोगों में से किसी को याद नहीं कि मुख्यमंत्री के कमरे में दाखिल होने के कुछ मिनट के अंदर ही ऐसा क्या हुआ कि बैठक अचानक गाली-गलौज बदल गई और मुक्केबाजी होने लगी। लालू यादव की चीख चिल्लाहट सबसे ऊपर थी, उनका सारा गुस्सा लल्लन सिंह पर फूट रहा था, जिसे उन्होंने बड़े आक्रोश के साथ इशारा करते हुए कहा, “निकल बाहर, बाहर निकल, साला”
लल्लन सिंह को बिहार भवन से बाहर फेंकने का मिला आदेश
भाजपा नेता सरजू राय बिहार भवन में ही गेस्ट हाउस के दूसरे कमरे में बैठे हुए थे। हल्ला-गुल्ला सुन सरजू राय माजरा समझने के लिए बाहर निकले। उन्होंने वी.वी.आई.पी दरवाजे पर धक्का-मुक्की होते देखी। लालू यादव को अपने सभी सुरक्षाकर्मियों को आवाज लगाते सुना गया, “पकड़ के फेंक दो बाहर, ले जाओ घसीट के” संकर्षण ठाकुर लिखते हैं कि लालू यादव शायद लल्लन सिंह को ही बाहर ले जाने के लिए चीख रहे थे। जब ये सब हो रहा था, भाजपा नेता सरजू राय बिहार भवन में ही गेस्ट हाउस के दूसरे कमरे में बैठे हुए थे।
क्यों हुआ था बवाल?
ठाकुर लिखते हैं कि लल्लन सिंह को अपनी जुबान पर नियंत्रण नहीं रहता है। बहुत जल्दी कड़वाहट उगलने लगते हैं। वह बहुत जल्दी बेइज्जती करने पर उतारू हो जाते हैं। उन्होंने तब या पहले कभी कुछ ऐसा कहा होगा, जिससे लालू यादव भड़क गए।
हालांकि लालू यादव के सुरक्षाकर्मी लल्लन सिंह को बाहर करते उससे पहले ही नीतीश कुमार अपने साथ आए लोगों को लेकर वहां से हट गए। वह वहां निकलते हुए यह बड़बड़ा रहे थे कि अब साथ चल पाना मुश्किल है।
बीच बचाव के लिए आए शरद यादव
जनता दल के तत्कालीन अध्यक्ष शरद यादव को जैसे ही बिहार भवन में हुई घटना की खबर लगी, वह शांति बहाल करने के लिए तुरंत दौड़ पड़े। उन्होंने लालू यादव को बुलाया और माफी मांगने के लिए कहा। लालू यादव इसके लिए तैयार भी हो गए। शरद यादव ने नीतीश कुमार को भी बुलाया और उन्हें लालू यादव से मिलने तथा मेल मिलाप करने की सलाह दी। लेकिन नीतीश कुमार ने मना कर दिया।