Union Budget 2023: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) द्वारा पेश बजट की चर्चा है। बजट सरकार के खर्च और आमदनी का लेखा जोखा होता है। भारत में कई बजट ऐसे रहे जिन्होंने विशेष आकर्षण खींचा। उन्हें अलग नाम भी मिला। जैसे आजादी के बाद पेश किए गए पहले बजट को अंतरिम बजट कहा जाता है।
वित्त मंत्री रहते पी. चिदंबरम (P. Chidambaram) ने साल 1997 में जो बजट पेश किया था, उसे ड्रीम बजट (Dream Budget) का नाम दिया गया था। इसी तरह साल 1973-74 के बजट को ब्लैक बजट के रूप में याद किया जाता है।
ब्लैक बजट
साल 1973 में भारत में पहली और आखिरी बार ब्लैक बजट (Black Budget) पेश किया गया था। तब केंद्र में इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) की सरकार थी। पाकिस्तान से युद्ध कर बांग्लादेश को अलग करने बाद इंदिरा गांधी 1971 में एक बार फिर प्रधानमंत्री चुनी गयी थीं। युद्ध से देश की आर्थिक हालत खराब थी।
1972 में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) आधा प्रतिशत के करीब रह गया था। अर्थव्यवस्था के चरमराने में युद्ध के अलावा मानसून (Monsoon) का भी हाथ था। बारिश कम होने की वजह से फसलों को भारी नुकसान हुआ था। सरकार की कमाई कम हो गयी थी और खर्च बढ़ गया था।
1973 के बजट में वित्त मंत्री यशवंत चव्हाण (Yashwantrao B Chavan) ने बताया था कि देश में मंदी है। उन्होंने बजट में 550 करोड़ रुपये से ज्यादा का राजकोषीय-घाटा दिखाया था। यह उस वक्त के लिए बड़ा आंकड़ा था। यशवंत चव्हाण के इसी बजट (Budget 1973-74) को ब्लैक बजट कहा जाता है। दरअसल जब सरकार का खर्च उसकी कमाई की तुलना में ज्यादा हो जाता है, तो सरकार को अपने बजट में कटौती करनी पड़ती है। ऐसे ही बजट को ‘ब्लैक बजट’ कहा जाता है।
ब्लैक बजट में क्या था?
सरकार ने अपनी कमाई बढ़ाने के लिए बजट के माध्यम से कोयला खदानों, सामान्य बीमा कंपनियों और इंडियन कॉपर कॉर्पोरेशन के राष्ट्रीयकरण का ऐलान किया था। इसके लिए सरकार ने 56 करोड़ रुपये का प्रावधान किया था।