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Type 1 Diabetes: बच्चे में ये 5 लक्षण दिखें तो समझ लें हो चुकी है टाइप वन डायबिटीज की शुरुआत, डॉक्टर से जानें- लक्षण, कारण और इलाज

Type 1 Diabetes बच्चों में बहुत कॉमन है। बच्चे को बार-बार भूख और प्यास लगती है। वजन भी घटने लगता है।

Type 1 Diabetes, Type 1 Diabetes symptoms
Type 1 Diabetes बच्चों में बहुत कॉमन है। Photo- Freepik

डायबिटीज मुख्य तौर पर तीन तरह की होती है। टाइप वन डायबिटीज (Type 1 Diabetes), टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes) और गेस्टेशनल डायबिटीज (Gestational Diabetes)। टाइप वन डायबिटीज ऐसी बीमारी है, जो बच्चों में बहुत कॉमन है। इसे जूविनाइल डायबिटीज (Juvenile Diabetes) भी कहते हैं। चर्चित डायबिटीज एक्सपर्ट डॉ. वी मोहन (V. Mohan) कहते हैं कि टाइप वन डायबिटीज सामान्यत: 15 साल से कम उम्र के बच्चों को होती है। यह भी संभव है कि पैरेंट्स को बिल्कुल डायबिटीज ना हो, लेकिन बच्चे को टायबिटीज हो सकती है।

क्यों होती है टाइप वन डायबिटीज? (Type 1 Diabetes Causes)

डॉ. वी मोहन कहते हैं कि टाइप वन डायबिटीज ऑटोइम्यून बीमारी (Autoimmune Disease) है। इसको और सीधे शब्दों में समझें तो आपकी बॉडी को बैक्टीरिया वगैरह से बचाने वाला इम्यून सिस्टम बॉडी के अगेंस्ट काम करने लगता है। हेल्दी टीश्यू डैमेज कर देता है। वह कहते हैं कि 80 से ज्यादा ऑटोइम्यून बीमारियां हैं, टाइप वन डायबिटीज इनमें से एक है।

टाइप वन डायबिटीज के केस में आपका इम्यून सिस्टम पैंक्रियास में इंसुलिन प्रोड्यूस करने वाले बेटा सेल्स को डैमेज करने लगता है। ऐसे में इंसुलिन प्रोडक्शन घटने लगता है। यही Type 1 Diabetes की वजह बनता है।

हेल्थ एक्सपर्ट्स कहते हैं कि टाइप वन डायबिटीज की और भी कई वजहें हो सकती हैं। मसलन कॉमन फ्लू, खसरा, पोलियो जैसे दूसरे इंफेक्शन। इसके अलावा किसी इंजरी के केस में यदि पैनक्रियाज पर असर पड़ता है तो इससे भी टाइप वन डायबिटीज होने का खतरा रहता है। इंजरी के चलते अगर पैनक्रियाज निकालना पड़ जाए, तब भी टाइप वन डायबिटीज होने का खतरा रहता है।

टाइप वन डायबिटीज के लक्षण (Type 1 Diabetes Symptoms)

रेडक्लिफ लैब्स के संस्थापक डॉ. अरविंद कुमार एक वीडियो में बताते हैं कि टाइप वन डायबिटीज के मरीजों में का मुंह सूखने लगता है, कई बार उल्टी और डायरिया के लक्षण दिखते हैं, बार-बार यूरिन जाना पड़ता है, बच्चे का वजन अचानक घटने लगता है, अक्सर थकान महसूस होती है और आंखों से धुंधला दिखाई देने लगता है। इसके अलावा कुछ केसेज में चेहरे पर भी इंफेक्शन जैसे लक्षण दिखते हैं।

टाइप वन डायबिटीज का पता कैसे लगाते हैं?

टाइप वन डायबिटीज का पता मुख्य तौर पर तीन तरीके से लगाया जा सकता है। पहला रैंडम ब्लड शुगर टेस्ट, दूसरा यूरीन टेस्ट और तीसरा, कंफर्मेशन के लिए hba1c टेस्ट, जिसे ग्लाइकेटेड हेमोग्लोबिन टेस्ट (Glycated Hemoglobin Test) भी कहते हैं। इस टेस्ट से एवरेज ब्लड ग्लूकोज लेवल पता लगता है।

टाइप वन डायबिटीज में क्या सावधानी जरूरी? (Type 1 Diabetes Treatment)

डॉ. वी मोहन कहते हैं कि टाइप वन डायबिटीज से पीड़ित बच्चे सामान्य बच्चों की तरह जिंदगी जी सकते हैं। बस कुछ चीजों का ध्यान रखना आवश्यक है। सबसे जरूरी बात है कि अपने ब्लड शुगर लेवल को रेगुलरल मॉनिटर करते रहें। टाइप वन डायबिटीज के मरीजों को इंसुलिन भी लेना पड़ता है, उसका ध्यान रखें। तीसरी जरूरी बाद हेल्दी खानपान और रेगुलर एक्सरसाइज भी बहुत जरूरी है।

टाइप वन डायबिटीज के मरीजों को क्या दिक्कतें हो सकती हैं?

Science Explored की एक रिपोर्ट के मुताबिक टाइप वन डायबिटीज की वजह से कई दूसरी बीमारियां भी हो सकती हैं। अगर टाइप वन डायबिटीज के मरीज ब्लड शुगर लेबल को इग्नोर करते हैं तो ब्लड क्लॉटिंग और हाई ब्लड प्रेशर की दिक्कत हो सकती है। इसके अलावा आंख से जुड़ी दिक्कतें, किडनी डैमेज होने का खतरा और नर्वस सिस्टम पर असर पड़ सकता है।

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First published on: 28-03-2023 at 18:42 IST
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