वाहन में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन नंबर प्लेट (High Security Number Plate) लगवाने का आखिरी मौक 15 फरवरी, 2023 को खत्म हो चुकी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, लास्ट डेट खत्म होने के बावजूद उत्तर प्रदेश में लाखों ऐसी गाड़ियां हैं, जिनपर सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन नंबर प्लेट नहीं लगा है। कानपुर में सिर्फ 40 प्रतिशत गाड़ियों पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगा है।
कौन जिम्मेदार?
सरकार ने कई बंद हो चुकी वाहन कंपनियों और नवंर प्लेट की विभिन्न सीरीज के लिए कोई गाइडलाइन ही नहीं निकाला। बंद हो चुकी कंपनियों में एलएमएल (लोहिया मशीन लिमिटेड) आदि शामिल हैं। इसके अलावा यूटीई, यूएआर नबंर सीरीज के लिए भी दिशानिर्देश नहीं दिया गया था। ऐसे में इन इन वाहनों के स्वामी हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन नंबर प्लेट के लिए आवेदन ही नहीं कर पाए हैं। हिंदी न्यूज पोर्टल ‘हिंदुस्तान’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस लूपहोल के सामने आने के बाद अधिकारी सक्रिय हो गए हैं और समाधान की तलाश कर रहे हैं।
हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट अनिवार्य
गाड़ियों के लिए हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन नंबर प्लेट (High Security Number Plate) अनिवार्य है, जिन गाड़ियों ने नहीं लगवाया उनके लिए जुर्माना लगाने का प्रावधान है। पहली बार पकड़े जाने पर 5,000 रुपये और दूसरी बार पकड़े जाने पर 10,000 रुपये का जुर्माना है। वहीं तीसरी बार पकड़े जाने पर वाहन ही जब्त कर लिया जाएगा।
आखिरी तारीख खत्म होने पर परिवहन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने कहा था, “एचएसआरपी में फिट होने के लिए अप्रैल 2019 से पहले पंजीकृत वाहनों के लिए अलग-अलग समय सीमा निर्धारित की गई थी। समय सीमा 15 फरवरी, 2023 को समाप्त हो गई।”
कैसा होता है हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट?
हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन नंबर (HSRP) प्लेट एल्युमीनियम का बना होता है। इसे वाहन पर दो ऐसे स्नैप-ऑन लॉक से लगाया जाता है, जिसका दोबारा इस्तेमाल नहीं हो सकता। यानी अगर कोई गाड़ी का नंबर प्लेट बदलना चाहे, तो वह लॉक टूट जाएगा। HSRP के ऊपरी बाएं कोने पर एक 20mm x 20mm आकार का क्रोमियम-बेस्ड होलोग्राम लगा होता है। होलोग्राम का रंग नीला होता है। होलोग्राम में अशोक चक्र की आकृति बनी होती है।

निचले बाएं कोने पर एक 10 अंकों का सीरियल नंबर होता है, जो लेजर बनाया गया होता है। बाएं तरफ ही बीच में भारत के लिए तय इंटरनेशनल रजिस्ट्रेशन कोड IND लिखा होता है। नंबर प्लेट के बीचो-बीच उकेरे गए पंजीकरण संख्या के अंकों और अक्षरों पर एक हॉट-स्टैंप वाली रील लगी होती है।
पंजीकरण संख्या के पहले दो अक्षर अंग्रेजी के अल्फाबेट के होते हैं, जो उस राज्य को बताता है, जहां गाड़ी रजिस्टर्ड है। अगला दो अंक राज्य के उस जिले की जानकारी देता है, जहां गाड़ी पंजीकृत है।