साल 1859 की बात है। ब्रिटिश क्राउन अभी 1857 के विद्रोह से नहीं उबरा था। उस दौरान अंग्रेजी हुकूमत ने भारत के वित्तीय संकट का समाधान खोजने के लिए एक स्कॉटिश व्यवसायी जेम्स विल्सन (James Wilson) को नियुक्त किया। जेम्स विल्सन उस समय द इकोनॉमिस्ट (The Economist) अखबार के संस्थापक के रूप में जाने जाते थे।
जेम्स विल्सन इंग्लैंड के सम्मानित व्यक्ति थे। उनकी इकनॉमिक थ्योरी और पॉलिसी को बहुत विश्वसनीय माना जाता था। कार्ल मार्क्स (Karl Marx) ने अपनी चर्चित किताब ‘कैपिटल’ में भी विल्सन का जिक्र किया है।
विल्सन ने पेश किया था भारत का पहला बजट
जेम्स विल्सन ने 1860 में ब्रिटिश इंडिया का पहला बजट पेश करने किया था। उन्हें अंग्रेजी मॉडल पर तैयार पहला वित्तीय बजट पेश करने का श्रेय दिया जाता है। हालांकि विल्सन ने अपने बजट में भारत की परिस्थितियों को ध्यान नहीं रखा था, इसके लिए उनकी आलोचना भी हुई थी।
विल्सन ने 18 फरवरी, 1860 को अपना बजट पेश किया था। उन्होंने तीन तरह के टैक्स पेश किए- इनकम टैक्स, लाइसेंस टैक्स और तंबाकू ड्यूटी। हालांकि, केवल पहला ही पारित हुआ, क्योंकि अन्य दो को भारत के गवर्नर-जनरल चार्ल्स कैनिंग की मांग पर हटा दिया गया था।
कौन थे जेम्स विल्सन?
विल्सन का जन्म 1805 में स्कॉटिश सीमा पर हॉक नामक एक कस्बे में हुआ था। विल्सन मात्र 16 साल की उम्र में एक टोपी फैक्ट्री में प्रशिक्षु बन गए थे। वह दिन भर कारखाने में काम करते थे और रात में अर्थशास्त्र पढ़ते थे।
पिता ने विल्सन और उनके भाई के लिए एक कारखाना खरीदा। दोनों भाइयों ने 1824 में अपने बिजनेस को लंदन ट्रांसफर कर दिया था था। वहीं उनके बिजनेस ने प्रोग्रेस किया।
1837 के आर्थिक संकट के दौरान विल्सन ने अपनी अधिकांश जमा पूंजी खो दी। दिवालिएपन से बचने के लिए उन्होंने अपनी बची हुई संपत्ति बेच दी। एक दशक बाद 1853 में विल्सन ने चार्टर्ड बैंक ऑफ इंडिया, ऑस्ट्रेलिया और चीन की स्थापना की। यही बाद में 1969 में स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक बन गया।
विल्सन ने 1843 में मुक्त व्यापार के अभियान के लिए एक समाचार पत्र के रूप में द इकोनॉमिस्ट की स्थापना की। उस समय के आर्थिक मुद्दों के साथ विल्सन का बौद्धिक जुड़ाव कितना अधिक था, वह उनकी लेखनी में झलकता है।