सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट (Central Vista Redevelopment Project) के तहत नए संसद भवन (New Parliament Building) का निर्माण कार्य जारी है। परियोजना की शुरुआत साल 2020 में हुई थी। तभी से निर्माणाधीन संसद भवन की तस्वीरें समय-समय पर सेंट्रल विस्टा की आधिकारी वेबसाइट Centralvista.gov.in पर अपलोड की जा रही है।
इस सप्ताह वेबसाइट के प्रोग्रेस सेक्शन में 16 जनवरी को लोकसभा कक्ष सहित कई नई तस्वीरें वेबसाइट पर अपलोड की गईं। लेकिन गुरुवार को मीडिया द्वारा नई तस्वीरों का व्यापक रूप से इस्तेमाल किए जाने के बाद साइट से फोटो को हटा लिया गया। साइट का मेंटेनेंस करने वाली केंद्रीय आवास और शहरी मंत्रालय ने सिक्योरिटी कंसर्न का हवाला देते हुए उन्हें हटा दिया।
दरअसल वेबसाइट से परियोजना स्थल की पिछली तस्वीरों को भी हटा दिया गया है। साथ ही शुक्रवार की शाम तक प्रोग्रेस सेक्शन ही पूरी तरह हटा दिया गया।
पुराने संसद भवन में ही पेश होगा बजट
प्राधनमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 दिसंबर को भारत की संसद की नई इमारत का शिलान्यास किया था। तब लोकसभा सचिवालय ने उम्मीद जताई थी कि नया संसद भवन अक्तूबर 2022 तक बन जाएगा। ऐसे में बजट सत्र-2023-24 के नए संसद भवन में होने की बात कही जा रही थी। हालांकि शुक्रवार शाम लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने ट्वीट कर स्पष्ट कर दिया कि बजट सत्र में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का अभिभाषण संसद के वर्तमान भवन में होगा।
ओम बिरला ने लिखा है, “संसद का नया भवन अभी निर्माणाधीन है। बजट सत्र में माननीय राष्ट्रपति जी का अभिभाषण संसद के वर्तमान भवन में होगा।” बता दें कि बजट सत्र की शुरुआत से पहले संसद के सेंट्रल हॉल में लोकसभा और राज्यसभा की संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति का अभिभाषण होता है।
क्या है सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट?
आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने साल 2019 सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना की परिकल्पना की थी। इस परियोजना के तहत नॉर्थ व साउथ ब्लॉक को म्यूजियम में बदल दिया जाएगा और उनके स्थान पर नई इमारतों का निर्माण किया जाएगा।
इसी प्रोजेक्ट के तहत ही त्रिकोणीय आकार की नई संसद भवन भी बन रही है। शुरुआत में पूरी परियोजना पर 20,000 करोड़ रुपए के व्यय होने की संभावना जतायी गई थी। नए संसद भवन के निर्माण पर करीब 971 करोड़ रुपये खर्च होने की संभावना है।
क्यों बनाया जा रहा है नया संसद भवन?
मौजूदा संसद भवन में लोकसभा के 543 और राज्य सभा के 245 सदस्य बैठते हैं। सरकार का कहना है कि 2026 के बाद जनसंख्या के अनुसार, निर्वाचन क्षेत्रों की संख्या में बढ़ जाएगी। इससे लोकसभा और राज्यसभा के सदस्यों की संख्या भी बढ़ जाएगी। वर्तमान संसद भवन तब छोटा पड़ जाएगा। इसके अलावा संसद भवन की सुविधाएं और बुनियादी ढांचा भी मौजूदा मांग को पूरा करने के लिये खाफी नहीं है।
पुराने संसद भवन का क्या होगा?
बीबीसी ने अपनी एक रिपोर्ट में अधिकारियों के हवाले से बताया है कि मौजूदा संसद भवन का इस्तेमला संसदीय आयोजनों के लिए किया जाएगा। इसके अलावा पुराने संसद भवन को म्यूजियम के तौर पर भी संरक्षित किया जाएगा ताकि आने वाली जनरेशन को देश की लोकतांत्रिक यात्रा के बारे में बताया जा सके।