लेकिन फिल्मों की तुलना में स्ट्रीमिंग प्लेटफार्म (ओटीटी) पर उनके पास यह अधिकार ज्यादा होते हैं। अमित साध ने कहा कि कलाकारों के लिए फिल्मों की तुलना में ओटीटी पर दर्शकों का ध्यान आकर्षित करना कठिन होता है।
अमित साध को काई पो चे!, सुल्तान, गोल्ड, सुपर 30 और शकुंतला देवी जैसी फिल्मों में दमदार अभिनय के लिए जाना जाता है। अमित साध ने कहा, ‘फिल्मों का अपना अलग प्रभाव होता है, आप एक अंधेरे कमरे (सिनेमाघर) में जाते हैं, आप कुछ देखने के लिए टिकट लेते हैं, और यदि आपको यह पसंद नहीं है, तो इसके बावजूद आप इसे देखते रहेंगे।’ अभिनेता ने कहा, ‘लेकिन, ओटीटी एक व्यक्तिगत स्थान है।
आप इसे अपनी मर्जी से अकेले देखते हैं। मुझे बुरा लगेगा अगर मेरा सीन प्ले होने पर उसे कोई बदलेगा या रोक देगा। लेकिन यही ओटीटी की ताकत है। यह एक चुनौतीपूर्ण माध्यम है।’ अमित साध ने कहा कि स्ट्रीमिंग प्लेटफार्म के फायदे भी हैं, विशेष रूप से रचनात्मक लोगों के लिए जो अद्वितीय सामग्री की खोज करना पसंद करते हैं। अमित साध हाल ही में वेब सीरीज ब्रीद : इनटू द शैडोजÞ के दूसरे सीजन में नजर आए थे, जो नौ नवंबर को प्राइम वीडियो पर रिलीज हुई थी।
साध ने कहा कि निर्माताओं के पास अधिक कहानियां सुनाने का उपाय है। उनके पास वितरकों और उत्पादकों का दबाव नहीं है जो उन्हें पैसा देते हैं। हर किसी के लिए काम है। अधिक शैलियों का विकल्प है। यह अधिक अभिनेताओं को काम पाने में मददगार है। मैं, एक अभिनेता के रूप में मानता हूं कि मैंने जो किरदार निभाए हैं, उन्होंने मुझे बेहतर बनने में मदद की है। साध ने कहा कि वे अपने निर्देशक मयंक शर्मा के आभारी हैं, जिन्होंने उन्हें सख्त पुलिस वाले कबीर सावंत की भावपूर्ण भूमिका की पेशकश की।
हमने इसे (शो) विभिन्न चरणों में फिल्माया है। जब हम एक सीजन बना रहे थे, तो हमें नहीं पता था कि एक सीजन होगा या दो और हम यहां तक पहुंचेंगे भी या नहीं। साध ने कहा, इस तरह की भूमिका निभाना आसान नहीं है। मुझे विश्वास है कि मैंने कड़ी मेहनत की है और चरित्र और श्रृंखला के लिए योगदान दिया है। श्रृंखला विक्रम मल्होत्रा और अबुंदंतिया एंटरटेनमेंट ने बनाई है।
अभिनेता इमरान हसनी ने पारलौकिक पृष्ठभूमि के साथ प्रेम कहानी लिखी
अभिनेता इमरान हसनी एक उपन्यास लेकर आए हैं, जिसमें उन्होंने पारलौकिक दुनिया की पृष्ठभूमि में एक भावुक प्रेम कहानी बयां की है। उनका कहना है कि आउट आफ माई बाडी उपन्यास की कथा- एक काल्पनिक कहानी है, जिसे पारलौकिक दुनिया की पृष्ठभूमि दी गई है जो उनके व्यक्तिगत अनुभवों पर आधारित है।
‘स्लमडाग मिलियनेयर’, ‘पान सिंह तोमर’, ‘द डर्टी पिक्चर’ और ‘वन्स अपान ए टाइम इन मुंबई’ जैसी फिल्मों में अभिनय कर चुके इमरान हसनी कहते हैं, ‘पारलौकिक दुनिया की अपनी नैतिकता, अपने नियम होते हैं जो अलिखित हैं, लेकिन इनका सख्ती से पालन किया जाता हैं। यह उपन्यास इन सारी बातों को ध्यान में रखते हुए लिखा गया है और यह कहानी वास्तविक घटनाओं का एक काल्पनिक विवरण है।’ ऐसे विषय को चुनने के बारे में इमरान का कहना था कि वे हमेशा ‘अज्ञात’ के प्रशंसक रहे हैं और डरावनी शैली सबसे बिडंबनात्मक और विरोधाभासी साहित्यिक रूपों में से एक है, लेकिन फिर भी इसकी लोकप्रियता बढ़ी है।
उन्होंने कहा, ‘जब उपन्यास के प्रारूपों की बात आती है, तो डरावने उपन्यास फिल्मों की तुलना में अधिक डरावने होते हैं, क्योंकि फिल्मों में जहां दर्शक ‘हारर’ को अपनी आंखों के सामने प्रकट होते हुए देख सकते हैं, वहीं इसके विपरीत एक उपन्यास में पाठक की कल्पना के लिए बहुत कुछ छोड़ दिया जाता है।’ हसनी के अनुसार, उन्होंने पारलौकिक दुनिया के अपने ज्ञान के साथ पारलौकिक विषय पर शोध के तमाम वर्षों के अनुभवों को मिलाने की कोशिश की है, जिसमें उन्होंने ‘कल्पना की खुराक’ का मिश्रण किया है।
निर्देशक बनने का सफर आशंकाओं से भरा रहा : लेखिका ताहिरा कश्यप खुराना
लेखिका-निर्देशक ताहिरा कश्यप खुराना ने कहा है कि वे अपने जीवन में शुरू से एक कहानीकार रही हैं, लेकिन निर्देशक बनने का उनका सफर आशंकाओं से भरा रहा है। उन्होंने अपनी पुस्तकों, ‘द 12 कमांडेंट्स आफ बीइंग ए वुमन’ और ‘द 7 सिन्स आफ बीइंग ए मदर’ में बहुत ही मजेदार तरीके से महिलाओं का चित्रण किया है। उन्होंने कहा कि बचपन से ही कहानियां लिखने में उनकी रूचि रही है। ताहिरा ने कहा, ‘मैं एक कहानीकार हूं।
मैं बचपन में कहानियां सुनाया करती थी।’ उन्होंने कहा, ‘मुझे कहानी बयां करने में अच्छा लगता है, चाहे यह थियेटर, रेडियो, पाडकास्ट, उपन्यास, शार्ट फिल्म और अब फीचर फिल्म ही क्यों ना हो। मैं अपने जीवन में शुरू से ही कहानीकार रही हूं और मुझे यह मुकम्मल तौर पर पसंद है।’ ताहिरा ने कहा कि उन्होंने अपने अंतर्मन की आवाज सुनी और अपने पति, अभिनेता आयुष्मान खुराना के सहयोग से 2017 में अपनी पहली ‘शार्ट’ फिल्म ‘टाफी’ बनाई।
उन्होंने बताया, ‘मैंने यह फिल्म बनाने के लिए अपने पति से पैसे उधार लिए थे।’ ताहिरा ने दो और शार्ट फिल्म ‘पिन्नी’ और ‘क्वेरेंटीन क्रश’ भी बनाई है। उन्होंने अपनी पहली फीचर फिल्म ‘शर्माजी की बेटी’ की शूटिंग भी पूरी कर ली है। उन्होंने यहां भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के 53वें सत्र से इतर फिल्म बाजार में एक कार्यक्रम में भाग लिया।
राधिका मदान ने ‘हैप्पी टीचर्स डे’ की शूटिंग शुरू की
अभिनेत्री राधिका मदान ने रविवार को कहा कि उन्होंने यहां अपनी आगामी फिल्म हैप्पी टीचर्स डे की शूटिंग शुरू कर दी है। राधिका जिन्होंने हाल ही में नेटफ्लिक्स फिल्म मोनिका, ओ माय डार्लिंग में एक कैमियो में अभिनय किया था, ने काम के बारे में जानकारी को इंस्टाग्राम पोस्ट के जरिए साझा किया। मदान ने फिल्म के सेट से तस्वीर को कैप्शन दिया, बैक टू स्कूल। निमरत कौर अभिनीत, हैप्पी टीचर्स डे एक सामाजिक थ्रिलर है।
मिखिल मुसाले, जिन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता गुजराती फिल्म रांग साइड राजू और हिंदी फिल्म मेड इन चाइना के लिए जाना जाता है, फिल्म का निर्देशन कर रहे हैं। मुसाले ने परिंदा जोशी के साथ कहानी और पटकथा का सह-लेखन किया है। अनु सिंह चौधरी और क्षितिज पटवर्धन को अतिरिक्त पटकथा और संवादों का श्रेय दिया जाता है। दिनेश विजान की मैडाक फिल्म्स द्वारा निर्मित, हैप्पी टीचर्स डे 5 सितंबर, 2023 को रिलीजÞ होने की उम्मीद है।