तालाब में गोता लगाती बतखें, चिड़ियों के चहकने की आवाज, कोयल की कूक और ट्री हाउस…ये नजारा किसी जंगल का नहीं बल्कि मशहूर कवि डॉ. कुमार विश्वास (Dr. Kumar Vishvas) के घर ‘केवी कुटीर’ (KV Kutir) का है। घर भी ऐसा-वैसा नहीं…शहर के भागम-भाग और शोर-शराबे से दूर गांव के बीच खास ‘वैदिक प्लास्टर’ से बना। कुमार विश्वास अक्सर अपने इस घर की तस्वीरें और वीडियोज साझा करते रहते हैं और व्लॉग (Vlog) के जरिये कुछ न कुछ बताते रहते हैं।
क्या है वैदिक प्लास्टर? वैदिक प्लास्टर का नाम सुनकर शायद आप भी चौंके होंगे। रेत, रोड़ी और सीमेंट जैसे बिल्डिंग मैटेरियल्स की तरह यह बाजार में नहीं मिलता बल्कि खास तरीके से तैयार किया जाता है। डॉ. कुमार विश्वास ने खुद एक सवाल के जवाब में बताया था कि उन्होंने अपना घर वैदिक प्लास्टर से तैयार किया है। घर को बनाने में सीमेंट का उपयोग नहीं किया गया है। बल्कि पीली मिट्टी, बालू, गोबर, दलहनों की चूरी, चूना व लसलसे पेड़ों- जैसे- आंवला, लिसोढ़ा, गूलर, और शीशम आदि के अवशेष से तैयार किया गया है।
कैसे आया था आइडिया? उन्होंने बताया था कि उनका घर पूरी तरह एंटी-बैक्टिरियल है और इसमें तापमान (टेंपरेचर) भी नियंत्रित रहता है। कुमार विश्वास ने अपनी एक पोस्ट में बताया था कि आखिर उन्हें ऐसा घर बनाने का आईडिया कैसे आया। बकौल विश्वास, उन्होंने ई.बी. हॉवेल की एक किताब पढ़ी थी। उसी से उन्हें इस देसी कौशल का पता लगा था और लंबे समय से इच्छा थी कि खुद राज मिस्त्री को समझाकर ऐसा ही घर बनावाएंगे। अंतत: उनका सपना साकार हुआ।
फल-फूल से लेकर सब्जियों की खेती: कुमार विश्वास के इस घर के सामने काफी खाली जमीन भी है। जहां वे ऑर्गेनिक तरीके से तमाम तरह के फलों से लेकर सब्जियों की खेती करते हैं। एक व्लॉग (Vlog) में दिख रहा है कि उन्होंने गन्ने के सीजन में गन्ना उगाया है और इसका जूस निकालने के लिए मशीन भी लगा रखी है। घर के सामने बिल्कुल गांव स्टाइल में एक कच्चा तालाब बनाया है, जिसमें बतखें पाल रखी है।
कुमार विश्वास के इस घर में तमाम तरह के रंग-बिरंगे फूलों के साथ-साथ कई औषधीय पौधे भी लगे हैं। चिड़ियां चहकती रहती हैं। उन्होंने गाय भी पाल रखी है। कई व्लॉग (Vlog) में उनका पालतू कुत्ता ‘शैडो’ भी उनके साथ नजर आता है।
लाइब्रेरी-दफ्तर भी यहीं: केवी कुटीर में एक स्वीमिंग पूल और ट्री हाउस भी है। जिसपर चढ़कर ‘मचान’ जैसा अनुभव किया जा सकता है। डॉ. कुमार विश्वास ने इस घर में लाइब्रेरी भी बना रखी है। जहां देश-दुनिया के तमाम नामी-गिरामी लेखकों की किताबें-साहित्य मौजूद है। इसके अलावा उन्होंने दफ्तर भी यहां बनाया है। जहां वे तमाम लोगों से भेंट-मुलाकात करते हैं। रिकॉर्डिंग वगैरह की सुविधाएं भी मौजूद हैं।