कोर्ट ने प्रिया रमानी को किया बरी, तो तापसी पन्नू बोलीं- यह आशा की किरण…
मानहानि के मामले में कोर्ट ने प्रिया रमानी को बरी कर दिया है। बता दें, साल 2018 में प्रिया ने पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था, जिसके बाद एमजे अकबर ने प्रिया के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज किया था।

पत्रकार प्रिया रमानी (Priya Ramani) को दिल्ली की एक अदालत ने आपराधिक मानहानि मामले में बरी कर दिया है। बता दें, प्रिया रमानी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर (MJ Akbar) के खिलाफ #MeToo मुहिम के दौरान यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। जिसके बाद साल 2018 में एमजे अकबर ने उन आरोपों को लेकर प्रिया रमानी के खिलाफ आपराधिक मानहानि की शिकायत दर्ज करवाई थी।
प्रिया रमानी (Priya Ramani) को बरी करते हुए अदालत ने कहा, “एक महिला को दशकों तक भी अपनी शिकायत किसी भी मंच पर रखने का अधिकार है। जिस देश में महिलाओं के सम्मान के बारे में रामायण और महाभारत लिखी गईं, वहां महिलाओं के खिलाफ अपराध हो रहे हैं, यह शर्म की बात है।”
प्रिया रमानी के बरी होने पर फिल्म इंडस्ट्री से भी खूब रिएक्शंस आ रहे हैं। एक्ट्रेस तापसी पन्नू (Taapsee Pannu) ने अदालत के फैसले की तारीफ करते हुए लिखा, “आसपास हो रहीं सभी अनुचित चीजों और गलतियों के बीच यह आशा की किरण बनकर आई है कि कहीं-ना-कहीं किसी चीज ने सच्चाई में हमारी उम्मीदें जिंदा रखी हुई हैं। सच्चाई और न्याय लंब समय तक जीवित रहो।”
Amidst all the wrongs n unfairs happening around this did bring a ray of hope that somewhere something is keeping our hope in righteousness alive. Long live truth and justice ! https://t.co/uo6gUNPWca
— taapsee pannu (@taapsee) February 17, 2021
तापसी पन्नू (Taapsee Pannu Twitter) के इस ट्वीट पर लोग खूब कमेंट कर रहे हैं और अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। बता दें, तापसी पन्नू के अलावा एक्ट्रेस ऋचा चड्ढा (Richa Chadha), मिनी माथुर (Mini Mathur), डायरेक्टर ओनिर ने भी ट्वीट किया है। एक्ट्रेस मिनी माथुर ने ट्वीट करते हुए लिखा, “प्रिया रमानी को बरी कर दिया गया है। तथ्य यह है कि उन्हें एक शक्तिशाली आदमी के खिलाफ अपने आरोपों का बचाव करने की आवश्यकता नहीं थी। यह यौन उत्पीड़न के खिलाफ बोलने वाली महिलाओं के लिए एक बड़ा कदम है। उनकी वकील रेबेका जॉन के लिए भी बड़ा शाउट ऑउट।”
वहीं, बता दें, मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट रविंद्र कुमार पांडे ने भी एमजे अकबर की शिकायत को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि उनका कोई भी आरोप साबित नहीं हो पाया है। वहीं, कोर्ट ने 10 फरवरी को रमानी और अकबर के वकीलों की दलीलों को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था।
जिसके बाद 17 फरवीर को कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया। 10 फरवरी को कोर्ट ने यह कहते हुए फैसला टाल दिया था कि दोनों पक्षों ने देरी से अपनी दलीलें सौंपी हैं, जिसके कारण फैसला पूरी तरह से नहीं लिखा जा सका।