कृषि कानूनों की वापसी के बाद किसान आंदोलन खत्म करके भले ही अपने घरों को लौट गए हैं, लेकिन पंजाब में वे एक बार फिर से सक्रिय हो गए हैं। वे गन्ने की कीमत, कर्ज माफी, किसान आंदोलन में मारे गए लोगों को मुआवजा देने की बात को लेकर बीते सोमवार से अलग-अलग जगहों की रेल की पटरियों पर बैठकर आंदोलन कर रहे हैं। इस बात को लेकर टाइम्स नाउ नवभारत के ‘राष्ट्रवाद’ में भी चर्चा की गई, जहां पत्रकार सुशांत सिन्हा ने किसान नेता को कांग्रेस के खिलाफ आवाज उठाने की चुनौती दी।
पत्रकार सुशांत सिन्हा ने राकेश टिकैत का जिक्र करते हुए किसान यूनियन के अध्यक्ष से कहा, “राकेश टिकैत जैसे बंगाल में जाकर बोले थे कि भाजपा को वोट मत दो और यूपी में भी कह रहे हैं कि भाजपा को वोट मत दो तो मैं कह रहा हूं कि गोवा और पंजाब भी चले जाइए और वहां जाकर कहिए कांग्रेस को वोट मत दो। कांग्रेस को वोट मत दो, ये आपके मुंह से क्यों नहीं निकलता।”
पत्रकार सुशांत सिन्हा की इस बात पर किसान यूनियन के अध्यक्ष सवित मलिक बिफर पड़े। उन्होंने कहा, “अगर कोई भी सरकार पूरे देश में, चाहे भाजपा की हो, कांग्रेस की हो या किसी और की हो, किसान हित में काम नहीं करती, गन्ने का भुगतान नहीं करती, कर्ज माफ नहीं करती तो किसान उसे कभी वोट न दे।” सवित मलिक की बात पर सुशांत सिन्हा ने भी उन्हें घेरने का मौका नहीं छोड़ा।
सुशांत सिन्हा ने किसान नेता को घेरते हुए कहा, “आज बात पंजाब की हो रही है। यहां से मन मजबूत करके और बोलकर दिखाइये कि कांग्रेस को वोट नहीं देना। ‘कांग्रेस’ बोलकर तो दिखाइये।” उनकी बात पर सवित मलिक ने कहा, “अगर पंजाब सरकार किसान सरकार विरोधी है, उसके कर्ज माफ नहीं हो रहे हैं तो वे सरकार को वोट न दें, उसे वोट दें जो उनके हित में काम करे।”
सवित मलिक की बात पर सुशांत सिन्हा ने सवाल किया कि आप अभी भी ‘अगर’ क्यों लगा रहे हैं, जिसपर उन्होंने जवाब दिया, “वहां सरकार ने घोषणाएं की हैं। अगर चुनाव तक घोषणाएं पूरी नहीं होतीं और किसान संतुष्ट नहीं होता तो पंजाब का किसान उन्हें वोट नहीं देगा।” उनकी बात पर पंजाब लोक कांग्रेस नेता प्रीतपाल ने कहा, “आपका खर्चा हम उठाएंगे, आप आएं और कहें कि कांग्रेस किसान विरोधी है। आप आइये और इनका भंडाफोड़ कीजिए।”